इस महीने भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बने हुए हैं शुद्ध खरीदार, अब तक कर चुके हैं 18,456 करोड़ रुपये का निवेश
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नयी दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) जनवरी महीने में भी शुद्ध खरीदार बने हुए हैं। एफपीआई ने जनवरी में अब तक भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 18,456 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसका पीछे कारण है कि वैश्विक स्तर पर तरलता की स्थिति बेहतर बनी हुई है, जिस वजह से एफपीआई उभरते बाजारों में निवेश कर रहे हैं। डिपॉजटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 22 जनवरी के दौरान शेयर बाजारों में 24,469 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि उन्होंने ऋण या बांड बाजार से 6,013 करोड़ रुपये की निकासी की।
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इस तरह समीक्षाधीन अवधि के दौरान एफपीआई का शुद्ध निवेश 18,456 करोड़ रुपये रहा। ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) हर्ष जैन ने कहा, ‘‘भारतीय बाजारों में निवेश का प्रवाह जारी है। वैश्विक स्तर पर तरलता की स्थिति अच्छी होने के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश कर रहे हैं।’’ इसके साथ ही बताया कि ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में उम्मीद से बेहतर रिकवरी हुई है। इस वजह से भारत निवेशकों के लिए आकर्षक जगह बना हुआ है।
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इस महीने में कुछ उभरते बाजारों में सकारात्मक एफपीआई निवेश रहा है। इस महीने में अब तक इंडोनेशिया में 80 करोड़ डॉलर, दक्षिण कोरिया में 32 करोड़ डॉलर, ताइवान में 2.3 अरब डॉलर और थाइलैंड में 11.3 करोड़ डॉलर का एफपीआई निवेश आया है।
इस महीने अब तक प्रदर्शन की बात करें, तो इंडोनेशिया, थाइलैंड, ब्राजील और रूस जैसे कुछ बाजारों को छोड़कर अधिकांश उभरते बाजारों ने सकारात्मक रिटर्न दिया है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार वी वी विजयकुमार ने कहा कि आईटी, दूरसंचार और निजी वित्तीय क्षेत्र में उच्च वितरण आधारित खरीद इन क्षेत्रों के लिए एफपीआई वरीयता को दर्शाती है। आगे भी बढ़िया निवेश की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘एफपीआई प्रवाह इस निरंतरता के पीछे प्रमुख वजह प्रचूर मात्रा में वैश्विक तरलता होना, विकसित देशों में काफी कम ब्याज दर का होना है और साथ ही बाजार की आम राय है कि प्रमुख केंद्रीय बैंकों की काफी आसान मौद्रिक नीति 2021 में भी जारी रहेगी।’