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अचानक काबुल पहुंचे अजीत डोभाल, आपसी हितों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग पर हुई वार्ता

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में चल रही शांति वार्ता के अहम मुकाम पर पहुंचने के समय ही भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बुधवार को अचानक दो दिवसीय यात्रा पर काबुल पहुंचे। उनके साथ उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी गया है। उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी समेत शीर्ष नेतृत्व के साथ वहां के हालात, आपसी रणनीतिक हितों, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया स्थापित करने पर काफी महत्वपूर्ण विचार विमर्श किया।

अफगानी राष्ट्रपति समेत शीर्ष नेतृत्व से की मुलाकात

अफगानी राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि दोनों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग को और मजबूत करने और अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय सहमति बनाने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई। डोभाल की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि भारत को तालिबान प्रतिबंध से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गठित समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। लिहाजा शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिहाज से भारत की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने डोभाल से कहा है कि नाटो और अमेरिका के साथ मिलकर अफगानिस्तान व भारत आतंकवाद के खिलाफ और ज्यादा सफलता हासिल कर सकते हैं।

डोभाल की अफगानिस्तान के एनएसए हमदुल्लाह मोहिब से भी मुलाकात हुई। बाद में डोभाल ने अफगानिस्तान में हाई काउंसिल फॉर द नेशनल रिकांसिलिएशन के चेयरमैन डा. अब्दुल्ला अब्दुल्ला से भी मुलाकात की। बाद में डा. अब्दुल्ला ने बताया कि शांति वार्ता के साथ ही डोभाल से अफगानिस्तान में स्थायी शांति स्थापित करने में भारत की भूमिका पर विमर्श हुआ।