नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया जिसमें उसने अपने पूर्व जज जस्टिस (सेवानिवृत्त) वी. ईश्वरैया और निलंबित ट्रायल कोर्ट मजिस्ट्रेट के बीच कथित फोन वार्ता की जांच का आदेश दिया था। जस्टिस ईश्वरैया ने माना है कि यह उनकी निजी बातचीत है जिससे कोई अपराध उजागर नहीं होता और इसमें किसी जांच की जरूरत नहीं है, लेकिन बातचीत की ट्रांसस्क्रिप्ट थोड़ी गलत है।
सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत और ट्रांसस्क्रिप्ट पर हलफनामा दाखिल को कहा
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने जस्टिस ईश्वरैया से बातचीत और ट्रांसस्क्रिप्ट पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। साथ ही कहा कि वह 18 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगी और आदेश पारित करेगी। पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता के वकील ने बातचीत पर कोई विवाद जाहिर नहीं किया है। उन्होंने उपरोक्त बातचीत के संबंध में याचिकाकर्ता का हलफनामा दाखिल करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।’
सुनवाई के दौरान जस्टिस ईश्वरैया की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा, ‘एक निजी बातचीत को जांच का विषय कैसे बनाया जा सकता है? निजी बातचीत में क्या अपराध है, भले ही यह सुप्रीम कोर्ट के जज के आचरण के बारे में है? मेरा पक्ष सुने बिना हाई कोर्ट ने जांच का आदेश दे दिया था।’ उन्होंने नोटिस जारी करने और जांच पर रोक लगाने की मांग की।