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सारागढ़ी के सर्वोच्च बलिदानी सैनिकों की शहादत को नमन है : रंजन फौजी

भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ के निवर्तमान प्रदेश संयोजक रंजन फौजी ने 123 वे सारागढ़ी दिवस पर शहीद सैनिकों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 1857 में XXXVI सिख के बहादुर सैनिकों ने हवलदार ईश्वर सिंह के नेतृत्व में पराक्रम की पराकाष्ठा दिखाते हुए गुरु गोविंद सिंह जी के सवा लाख से एक लड़ाऊं तो गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊ कहावत को चरितार्थ करते हुए 20,000 से अधिक कव्वाली सैनिकों के आक्रमण का सारागढ़ी ना सिर्फ डटकर सामना किया बल्कि दुश्मनों के साढ़े चार सौ से अधिक कव्वालियों को मार गिराया । पोस्ट की रक्षा करते हुए वहां मौजूद सभी 21 सैनिक एवं एक सफाई कर्मी ने शहादत दी ।

सिख सैनिकों के इस अदभुत पराक्रम एवं बलिदान को ना सिर्फ ब्रिटिश साम्राज्य में बल्कि संपूर्ण संसार में सराहा गया । यह विश्व के पांच महत्वपूर्ण सैनिक घटनाओं में शामिल किया गया । फ्रांस के स्कूल पाठ्यक्रम में भी सैनिकों के इस गौरव गाथा को शामिल किया गया ताकि आने वाली पीढ़ी इससे प्रेरणा ले सकें । सभी 21 सैनिकों को उस वक्त भारतीय सैनिकों को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान इंडियन ऑर्डर आफ मेरिट से सम्मानित किया गया ।

ऐसे पराक्रमी शहीदों की शहादत को संपूर्ण भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ परिवार नमन करता है । यह अत्यंत ही गौरव की बात है कि ऐसे सुरवीर सैनिकों का रेजिमेंट ट्रेनिंग सेंटर झारखंड के रामगढ़ में अवस्थित है जहां युद्ध कला का प्रशिक्षण देते हुए यशश्वी योद्धाओं को तैयार किया जाता है । एवं इस रेजीमेंट का रेजिमेंटल डे आज के ही दिन पर 12 सितंबर को सारागढ़ी दिवस के रूप में मनाया जाता है ।