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पाकिस्तानी दिग्गज बोले- बाबर आजम को अंग्रेजी सीखने की जरूरत नहीं, हमारी मातृभाषा उर्दू है

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज जावेद मिंयादाद ने युवा बल्लेबाज बाबर आजम को सलाह दी है कि आने वाले इंग्लैंड दौरे पर उनको बतौर कप्तान ज्याजा दबाव नहीं लेना है। मिंयादाद का मानना है कि लाहौर में जन्मा ये खिलाड़ी मैन इन ग्रीन यानी पाकिस्तान टीम की कप्तानी करने में सक्षम है। पूर्व दिग्गज खिलाड़ी जावेद मिंयादाद ने ये भी कहा है कि बाबर आजम को अंग्रेजी सीखने की जरूरत नहीं है।

अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए मिंयादाद ने कहा है, “आप (बाबर आजम) क्रिकेट के बादशाह हैं और लोग आपको उसी के लिए जानते हैं। आपको किसी भी प्रकार का दबाव लेने की जरूरत नहीं है।” 124 टेस्ट मैचों में 8832 रन बनाने वाले मिंयादाद ने कहा है कि अंग्रेजी जानना खेल के लिए महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा है, “क्रिकेट ही क्रिकेट का मापदंड है, न कि अंग्रेजी क्योंकि दुनिया में कई अन्य देश हैं जो अंग्रेजी नहीं बोलते हैं। इस प्रकार के कथन खिलाड़ी पर दबाव डाल सकते हैं। आप (बाबर) उर्दू में बात करिए और किसी को अनुवाद करने दीजिए।”

दरअसल, पाकिस्तान टीम के पूर्व तेज गेंदबाज तनवीर अहमद ने बाबर आजम को पाकिस्तान की वनडे और टी20 टीम का कप्तान बनने की बधाई देते हुए पिछले दिनों कहा था कि उनको अपने व्यक्तित्व को अच्छा करने के साथ-साथ अग्रेंजी में भी सुधार करना होगा। इसी को लेकर मिंयादाद ने लोगों को कहा है कि उनको उनका काम करने दीजिए, व्यर्थ की बातों में उनको मत उलझाइए।

मिंयादाद ने कहा है, “हम अभी भी अनावश्यक चीजों में फंसे हुए हैं, जबकि बाकी दुनिया आज सिर्फ काम पर ध्यान देने के कारण सफल हुई है। आप वहां (जर्मनी) जाएं और देखें, कोई भी अंग्रेजी नहीं बोलेगा। जब मैं क्रिकेट खेलता था, तो मैं अपने अनुसार गेंदबाज बदलता था। मैं अपनी बल्लेबाजी में इस प्रकार के समायोजन करता था कि गेंदबाज को मेरी इच्छा के अनुसार गेंदबाजी करने के लिए मजबूर होना पड़े।”

पाकिस्तान टीम के कोच रहे मिंयादाद आगे कहते हैं, “आप (बाबर) अंग्रेजी नहीं जानते हैं, ठीक है कोई बात नहीं। आप पाकिस्तान के कप्तान हैं और आपको सामने से नेतृत्व करना है। इस प्रकार के विचारों को अपने मन से त्याग दें। आप (बाबर) में बल्लेबाजी करने और टीम का नेतृत्व करने की क्षमता है, इसलिए आपको दबाव में आने की जरूरत नहीं है। हम पाकिस्तानी हैं और उर्दू हमारी मातृभाषा है न कि अंग्रेजी।”