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पाकिस्तान पर दोहरी मार: आबादी पर कोरोना का कहर जारी और फसलों पर टिड्डियों का हमला

इस्लामाबाद। एक तरफ पाकिस्तान में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी ओर अब वहां टिड्डियों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के तमाम राज्य इन टिड्डियों के डर से खासे परेशान है।

टिड्डियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पंजाब सरकार ने अब इस बारे में देश के सर्वोच्च न्यायालय को भी सूचना दी है। इस सूचना में कहा गया है कि यदि देश में टिड्डियों के प्रजनन को नहीं रोका गया तो आने वाला समय और भी अधिक खतरनाक होगा। एक तरफ देश में लोग कोरोनावायरस से मर रहे हैं तो दूसरी तरफ भूख से मरने की नौबत आ जाएगी। यदि टिड्डियों के प्रजजन को नहीं रोका गया तो ये फसलों को चट कर जाएंगी और आने वाले समय में देश में रहने वाले भूखों मरेंगे। उनके पास खाने के लिए राशन तक नहीं होगा।

पाकिस्तान साइट डॉन और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय को दी गई सूचना में पंजाब सरकार ने कहा है कि देश में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली इन टिड्डियों के प्रजनन को रोके जाने की बहुत आवश्यकता है। यदि इनके प्रजनन को नहीं रोका गया तो इसके परिणाम गंभीरतम होंगे। न्यायालय को दी गई सूचना में कहा गया है कि देश का 3, 00,000 वर्ग किलोमीटर का कुल क्षेत्र है। इसमें लगभग 37 प्रतिशत हिस्सा रेगिस्तानी टिड्डे की चपेट में है। साठ प्रतिशत भूमि बलूचिस्तान में, 25 फीसद सिंध में और 15 फीसद पंजाब के चोलिस्तान क्षेत्र में है।

उच्चतम न्यायालय के समक्ष पंजाब सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान को एक वसंत प्रजनन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जबकि पंजाब और सिंध ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्र में हैं। रिपोर्ट में मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद द्वारा टिड्डी आक्रमण के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा की स्थिति के बारे में 19 मई को एक प्रश्न के उत्तर के रूप में रिपोर्ट दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश कोरोनोवायरस संकट से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। फिलहाल इस मामले में सोमवार (कल) सुनवाई फिर से शुरू होगी।

अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने आशंका व्यक्त की थी कि पाकिस्तान केवल विशाल अनुपात की आबादी से ही पीड़ित नहीं है बल्कि अब एक नए खतरे की वजह से भी परेशान है। ये खतरा अफगानिस्तान और पाकिस्तान में पैदा हो रहे टिड्डी दल है। इन टिड्डियों के खाद्य सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा है। जो अभी दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि टिड्डियों का एक बड़ा झुंड अफ्रीका से पाकिस्तान की ओर जा रहा था।

अब पंजाब के एडिशनल एडवोकेट जनरल चौधरी फैसल हुसैन द्वारा शनिवार को पेश की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि तीन जिले – भाक्कर, डी.जी. खान और मियांवाली- टिड्डी खतरे के सबसे अधिक परेशान होंगे। पंजाब ने देश के ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्रों में अधिकतम संसाधनों की तैनाती की आवश्यकता पर प्रकाश डाला साथ ही ये भी कहा कि यदि इनके प्रजनन पर रोक नहीं लगाई गई तो इसके परिणाम सबसे अधिक गंभीर होंगे।

अभी तक यह कहा जाता था कि टिड्डियों का खतरा खाली चोलिस्तान तक सीमित था, लेकिन अब जलवायु परिवर्तन और बड़े पैमाने पर अंडे देने के कारण मध्य और उत्तरी क्षेत्र क्रॉसहेयर तक इनका खतरा पहुंच गया है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि हाल की टिड्डी लहर में श्रीन, किक्कर, बीर के साथ-साथ चारा, नए अंकुरित कपास, मकई के पत्ते और साइट्रस जैसे वन पौधे प्रभावित किए हैं। अब इनसे हुए नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है।

नुकसान के सर्वेक्षण के दौरान, यह कहा गया है, रेगिस्तानी टिड्डे से प्रभावित 15 प्रकार की फसलें देखी गईं। 715 एकड़ में फैली हुई फसलों में कपास, तिल और मूंग शामिल थे।  रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में निगरानी और युद्ध संचालन में सहायता के लिए 50 माइक्रोन स्प्रेयर, पांच हवाई जहाज और 50 एंटोमोलॉजिस्ट की सेवाएं प्राप्त करने के लिए तत्काल व्यवस्था की आवश्यकता थी।

लेकिन आने वाले सप्ताह में चुनौती के तौर पर सिंध, खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान में टिड्डियों की उपस्थिति को खत्म करना होगा। इसी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आने वाले बरसात के दिनों में बहावलपुर डिवीजन गर्मियों में टिड्डियों एक प्रमुख क्षेत्र होगा।

टिड्डी दुनिया के 10 प्रतिशत अनाज को नष्ट कर सकते हैं और अनाज की कमी का एक गंभीर कारण बन सकते हैं। यहां तक ​​कि एक वर्ग किलोमीटर में एक झुंड एक दिन में लगभग 35,000 लोगों के भोजन को खत्म कर सकते हैं। टिड्डियां एक बार भोजन करने के बाद कई किलोमीटर तक उड़ जाती है।

ये भी कहा जाता है कि एक बार भोजन करने के बाद ये हवा में ही प्रजनन भी कर लेती है इस वजह से इनकी संख्या में काफी तेजी से इजाफा भी हो जाता है। टिड्डियों के एक दल में करोड़ों की संख्या में वो शामिल रहती हैं। टिड्डियों से निपटने के लिए पहले से 84 सर्विलांस टीमें तैनात की गई है। ये अलग-अलग जगहों पर तैनात है और इनको टिड्डियों को रोकने के लिए ही काम करने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरे स्तर पर कार्रवाई के लिए इलाके चिन्हित किए गए हैं।