व्हाइट हाउस और पेंटागन के बीच टकराव बढ़ा, प्रदर्शनकारियों पर सैन्य कार्रवाई को लेकर अकेले पड़े ट्रंप
वाशिंगटन। अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद हिंसक प्रदर्शनकारियों पर सैन्य कार्रवाई को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अलग-थलग पड़ गए हैं। इस मामले को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिकी रक्षा विभाग के बीच तनाव बढ़ गया है। इस सैन्य कार्रवाई के खिलाफ अमेरिकी रक्षा विभाग के सलाहकार जेम्स जूनियर मिलर ने इस्तीफा के बाद इसे लेकर ट्रंप प्रशासन में दो फाड़ हो गई है। व्हाइट हाउस के समक्ष ताजा प्रदर्शनों ने एक बार फिर इसे हवा दी है। इस उम्मीद से कि एक बार फिर ट्रंप सैन्य कार्रवाई का स्टैंड ले सकते हैं।
ट्रंप के कार्यकाल में दो बार बढ़ा तनाव
व्हाइट हाउस और पेंटागन के बीच यह संघर्ष सामान्य नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में यह दूसरा मौका है, जब पेंटागन और व्हाइट हाउस के बीच टकराव उत्पन्न हुआ है। ट्रंप के कार्यकाल में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब रक्षा विभाग के शीर्ष पदों पर बैठे लोग इस्तीफे के लिए बाध्य हुए हैं। इस घटना से जाहिर तौर पर अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठा को आधात पहुंचा है। इस सैन्य कार्रवाई के खिलाफ अमेरिकी रक्षा विभाग के सलाहकार जेम्स जूनियर मिलर ने इस्तीफा के बाद इसे लेकर ट्रंप प्रशासन में दो फाड़ हो गई है।
राजनीतिक उपकरण बनने का खतरा
निश्चित रूप से संविधान के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति को संघीय सैनिकों के उपयोग की असीम शक्ति है, लेकिन देश के अंदर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना के इस्तेमाल पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसे लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। कई हलके में राष्ट्रपति के इस दृष्टिकोण को लेकर नाराजगी और बेचैनी देखने को मिल रही है। आलाचकों का कहना है अमेरिकी सेना का राजनीतिक उपकरण के रूप प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। ट्रंप की यह कार्रवाई इसके लिए प्रेरित कर रही है। अमेरिकी जनता का सेना के प्रति अगाध आस्था है। सेना को सुदृढ़ बनाने में देश वासियों का बड़ा योगदान है, क्योकि सेना के लिए एक बड़ा बजट सुनिश्चित किया जाता है। आलोचकों का कहना है कि यह इस भावना के खिलाफ बड़ा धक्का है।
रक्षा विभाग के सलाहकार के इस्तीफे के बाद बहस हुई तेज
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व सेंट जॉन एपिस्कोपल चर्च में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग से आहत होकर अमेरिकी रक्षा विभाग के सलाहकार जेम्स जूनियर मिलर ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने एक लंबे त्यागपत्र पर राष्ट्रपति ट्रंप पर तंज कसते हुए रक्षा सचिव मार्क एस्पर का भी विरोध किया था। इसके बाद से पेंटागन और व्हाइट हाउस के बीच मतभेद और गहरा गया है। उन्होंने अपने त्याग पत्र में कहा है एपिस्कोपल चर्च में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग के फैसले का रक्षा सचिव मार्क एस्पर विरोध कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से राष्ट्रपति ट्रंप इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं, तो आने वाले दिनों में आपको फिर से ऐसे सवालों का सामना करना पड़ सकता है। आपको फिर से अमेरिकी महिलाएं एवं पुरुषों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल करने को निर्देशित किया जा सकता है। यह नागरिकों एवं संविधान के लिए नुकसान देह है।