लॉकडाउन ने सुधारी चिड़ियाघर के जानवरों की सेहत, जानें और क्या हुए बदलाव
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इंदौर। कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन से मानव जीवन भले ही अस्त-व्यस्त हो गया हो, लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर में चिड़ियाघर के वन्य प्राणियों को यह खूब रास आ रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं। यहां के शेर-बाघ, हिरण के साथ कई वन्य प्राणियों की त्वचा पहले से ज्यादा चमकदार हो गई है। साथ ही बालों का झड़ना और चिड़चिड़ापन भी कम हो गया है। इनकी सेहत में सुधार का सकारात्मक असर इनकी प्रजनन क्षमता पर भी दिखने लगा ह
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चमकदार हुई त्वचा, कम हुआ चिड़चिड़ापन और बाल झड़ना
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18 मार्च से आम दर्शकों के लिए चिड़ियाघर में प्रवेश बंद है। इस दौरान घड़ियालों की संख्या 30 से बढ़कर 52, सियार की 10 से बढ़कर 14, हिरण की 32 से 35 पर पहुंच गई है। चार चीतलों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इसका श्रेय प्राणी विशेषज्ञ लॉकडाउन को दे रहे हैं। इस दौरान क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही से होने वाला ध्वनि और वायु प्रदूषण घट गया था। साथ ही चिड़ियाघर से होकर गुजरने वाले नाले का पानी भी पहले के मुकाबले कई गुना अधिक साफ हो गया है।
चिड़ियाघर में ही जंगल में रहने का अहसास हुआ
इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने कहा कि वन्य प्राणियों का मूल स्वभाव एकांत में रहना होता है। उन्हें लॉकडाउन के दौरान चिड़ियाघर में ही जंगल में रहने का अहसास हुआ। इससे उनकी सेहत अच्छी हुई और इसका सकारात्मक असर उनकी प्रजनन क्षमता पर भी नजर आ रहा है। यहां औसतन हर दिन चार हजार दर्शक आते थे।
प्रदूषण खत्म होने से दिखे सकारात्मक परिणाम
वाइल्ड लाइफ एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य अजय जैन ने कहा कि इंदौर के चिड़ियाघर में मौजूद वन्य प्राणियों पर प्रदूषण खत्म होने के सकारात्मक परिणाम नजर आ रहे हैं। पहले उन्हें कई तरह के प्रदूषण का सामना करना पड़ता था। यहां से गुजरने वाले नाले के पानी से बैक्टेरियल इन्फेक्शन की समस्या भी थी। पहले के मुकाबले अब शेर, भालू, बाघ की त्वचा चमकदार हो गई है। बाल झड़ने की समस्या और चिड़चिड़ापन भी कम हुआ है। इनकी आहार क्षमता भी पहले से अच्छी हो गई है।