Logo
ब्रेकिंग
रामगढ़ में सड़कों पर खुलेआम पशुओं को छोड़ने वाले मालिकों की अब खैर नहीं! बिजुलिया तालाब का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक सुनीता चौधरी ने किया शिलान्यास, बोटिंग, सिटिंग, झूले और भ... नशे के सौदागरों के विरुद्ध रामगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 2 करोड़ से अधिक का गांजा जप्त, एक गिरफ्तार मॉबली*चिंग के खिलाफ भाकपा-माले ने निकाला विरोध मार्च,किया प्रदर्शन छावनी को किसान सब्जी विक्रेताओं को अस्थाई शिफ्ट करवाना पड़ा भारी,हूआ विरोध व गाली- गलौज सूक्ष्म से मध्यम उद्योगों का विकास हीं देश के विकास का उन्नत मार्ग है बाल गोपाल के नए प्रतिष्ठान का रामगढ़ सुभाषचौक गुरुद्वारा के सामने हुआ शुभारंभ I पोड़ा गेट पर गो*लीबारी में दो गिर*फ्तार, पि*स्टल बरामद Ajsu ने सब्जी विक्रेताओं से ठेकेदार द्वारा मासूल वसूले जाने का किया विरोध l सेनेटरी एवं मोटर आइटम्स के शोरूम दीपक एजेंसी का हूआ शुभारंभ

ड्रैगन की गहरी चाल, लद्दाख में सामरिक पॉकेट्स को हथियाने में जुटा चीन

वाशिंगटन। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच अमेरिका की एक रिपोर्ट ने दोनों देशों के बीच संबंधों के अनछुए पहलुओं की ओर इंगित किया है। दक्षिण एशिया के शीर्ष अमेरिकी पर्यवेक्षक टेलिस ने दावा किया है कि भारतीय सीमा पर चीन की हरकतें शरारतपूर्ण रही है। टेलिस ने अपने एक पेपर में कहा है कि भारत-चीन सीमा पर बीजिंग ने अपने दायित्‍वों के पालन में लगातार गिरावट की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच लगने वाली सरहद पर भारत ने हमेशा से सीमा पर शांति और वार्ता का सहारा लिया है, लेकिन भारत के इस दृष्टिकोण का चीन के लिए कोई सम्‍मान नहीं है। वह भारत के इस रवैये को सम्‍मान की दृष्टि से नहीं देखता। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि चीन इन विव‍ादित स्‍थलों को अपने सामरिक हितों की पूर्ति के लिए इस्‍तेमाल करता रहा है। चीन का मकसद इन विवादों को निपटाना नहीं है। हालांकि, दोनों देश विवादित क्षेत्रों में उपस्थित का वर्णन करने वालों मानचित्रों का आदान-प्रदान के लिए लंबे समय से प्रतिबद्ध है।

खतरनाक संकेत देता है चीनी गश्त का पैटर्न

टेलिस ने कहा कि 1990 के दशक के उत्तरार्ध से चीनी गश्त का पैटर्न बताता है कि बीजिंग अंततः संपूर्ण अक्साई चिन पठार को नियंत्रित करना चाहता है, जिस पर लद्दाख के कुछ हिस्से स्थित हैं। भले ही यह पठार उर्वन नहीं हो, लेकिन यह इलाका चीन के लिए सामरिक महत्‍व का है। इन इलाकों में अपने आयुध को एकत्र कर सकता है। दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति में वह इन स्‍थलों से भारत पर तेजी से हमला कर सकता है। इसलिए चीन इस इलाके में अपने दावों को कभी नहीं छोड़ेगा।

मानचित्र के अभाव में विकराल हुई समस्‍या 

इस पेपर में दावा किया गया है कि मानचित्र के अभाव में जो स्पष्ट रूप से चित्रित करता है कि प्रत्येक पक्ष सक्रिय रूप से किन क्षेत्रों को नियंत्रित करता है। चीन को भारतीय सीमा पर हस्‍तक्षेप के अवसर मुहैया कराता है। चीन ने 1950 के दशक में इस क्षेत्र पर दावा किया है, लेकिन शीत युद्ध के बाद सीमा पर चीन-भारतीय प्रतिद्वंद्विता बढ़ी है। विवादित भूखंड के टूकड़े को लेकर चीन ने भारतीय सीमा पर अवरोध उत्‍पन्‍न किया है। अब यह उसकी रणनीति का हिस्‍सा है। चीन एक स्‍पष्‍ट मानचित्र को कभी नहीं स्‍वीकार करेगा, क्‍योंकि उसका मकसद भारतीय सीमा पर विवाद को बनाए रखना है।