Logo
ब्रेकिंग
ले*वी के लिए ठेकेदारों को धम*की देने वाले पांडे गिरोह के चार अपरा*धी गिर*फ्तार रामगढ़ पुलिस ने लेवी के लिए हमले की योजना बना रहे मुखलाल गंझु को हथियार के साथ किया गिरफ्तार बालू खनिज के अवैध खनन व परिवहन पर 1 हाईवा वाहन को किया गया जब्त, प्राथमिकी दर्ज। जरुरतमंदों व गरीबो के लिए 31 अगस्त से शुरू होगा "खाना बैंक" इनलैंड पॉवर लिमिटेड ने कई विद्यालय को दिए वॉटर प्यूरीफायर, सेनेटरी पैड व लगाए पौधे Congress प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश का जिला अध्यक्ष जोया परवीन ने किया स्वागत Kids world स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी कलर बेल्ट कराटे ग्रेडेशन के दौरान प्रतिभागियों ने कराटे के तकनीकों का प्रदर्शन किया! सांसद मनीष जायसवाल ने मंडईखुर्द वासियों से किया वादा निभाया Royal mens parlour का बरकाकाना मार्केट कांप्लेक्स में हुआ उद्घाटन!

पाकिस्तान से लौटी गीता को मिला उसका परिवार, DNA टेस्ट की औपचारिकता बाकी

इंदौर: पाकिस्तान से साल 2015 में भारत लौटी गीता का परिवार अब उसे मिल गया है। केवल डीएनए जांच होना बाकी रह गया है। महाराष्ट्र के परभणी जिला के जिंतूर गांव में रहने वाले एक परिवार ने गीता के माता-पिता होने का दावा किया था।

इसके बाद गीता के देखरेख का जिम्मा संभाल रहे इंदौर की सामाजिक संस्था के लोग उसे लेकर उसके माता-पिता से मिलाने के लिए पहुंचे थे। उसके बाद जो बात गीता ने उन्हें बताई थी उसके अनुसार लगभग सारी परिस्थितियां वहां से मेल खा रही हैं।

चाहे वह रेलवे स्टेशन के पास मेटरनिटी होम होने की बात हो या फिर उनके परिवार के द्वारा मंदिर के बाहर फूल मालाएं बेचने की बात हो। इतना ही नहीं गीता के पेट पर जो जले का निशान है उसकी भी तस्दीक उनके परिवार वालों ने की है, जिसके बाद इंदौर की सामाजिक संस्था ने गीता को महाराष्ट्र की एक सामाजिक संस्था को गीता को सौंप दिया है।

गीता अभी वहीं पर रहेगी। इस दौरान उसके माता-पिता होने का दावा करने वाली दंपत्ति उससे लगातार मिलते रहेंगे ताकि ये बात पूरी तरीके से साफ हो पाए कि ये वही गीता के माता-पिता हैं। इसके साथ ही सामाजिक संस्था के कार्यकर्ताओं ने सरकार से उस दंपति के डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है।

गौरतलब है कि गीता लंबे समय से इंदौर में रह रही थी। इस दौरान कई परिवारों ने इंदौर आकर गीता के माता-पिता होने का दावा किया, लेकिन कई मामलों में गीता ने खुद ही अपने माता-पिता को पहचानने से इंकार कर दिया था।

 गीता ने जिस तरीके से सामाजिक संस्था के लोगों को बताया था उसके अनुसार ये तय था कि गीता मराठवाड़ा या तेलंगाना इलाके की रहने वाली है। इसी आधार पर गीता को लेकर उस इलाके की मीडिया पर पुलिस स्टेशनों में गीता की फोटो भेजी गई थी ताकि उसका परिवार मिल सके।