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वैक्सीनेशन के बाद मजदूर की मौत पर घिरी सरकार, दिग्विजय बोले- आखिर गरीबों पर क्यों हो रहे ट्रायल

भोपाल: कोरोना वैक्सीनेशन के बाद भोपाल के टीलाजमालपुरा निवासी दीपक मरावी की मौते के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है। युवक की मौत की सूचना मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे। उन्होंने मृतक की पत्नि व तीनों बच्चों को ढांढस बंधाया। उन्होंने मृतक के सबसे छोटे जिसके दिल में छेद है सारा खर्चा व्यक्तिगत तौर पर उठाने की बात कही। वहीं सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिरकार गरीबों पर ही क्यों वैक्सीन ट्रायल किए जा रहे हैं।

इस दौरान मृतक की पत्नी ने शासन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना जानकारी के उनके पति को टीका लगाया गया। मराबी की पत्नी ने बताया कि उनके पति को कोई भी बीमारी नहीं थी, टीका लगने से ही उनकी मौत हुई है और उनकी मृत्यु के बाद शासन प्रशासन ने आज तक सुध नहीं ली।

दिग्विजय सिंह ने मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि वे उनके परिवार की मदद करेंगे और स्व. दीपक मराबी के छोटे बेटे पवन के दिल मे छेद है जिसका वे व्यक्तिगत रूप से इलाज करवाएंगे।

मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि भारत बॉयोटेक के टीके कॉवैक्सीन के परीक्षण के बाद ही दीपक मराबी की मौत हुई है। इस दौरान दिग्विजय चिकित्सा शिक्षा मंत्री की निंदा की जिन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता रचना को टुकड़े टुकड़े गैंग का सदस्य बताया जिन्होंने इस मामले को उठाया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर गरीब लोगों पर ही क्यों टीके के परीक्षण किए जा रहे हैं और फिर परीक्षण के बाद उनपर कोई निगरानी नहीं रखी जा रही? तो फिर परीक्षण क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि वे पीढ़ित परिवार के साथ खड़े हैं और उनकी हरसंभव मदद करेंगे।