मंदसौर: सरकारी कागजों में भले ही अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति को लेकर समानता देने के दावे किए जाते हैं। संविधान में भी समानता के अधिकार का जिक्र किया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जो छुआछूत और जात-पात में विश्वास रखते हैं और छोटी जाति के लोगों को अछूत समझते हैं। इसका उदाहरण मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में देखने को मिला जब गांव के दबंगों ने एक दलित की बारात इस वजह से रोक दी कि वह घोड़ी पर ब्याहने जा रहा था।
मामला नारायणगढ़ थाना क्षेत्र के बूढ़ा चौकी का बताया जा रहा है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि मंगलवार को उनके बेटे की बारात निकली थी। इस दौरान कुछ लोग वहां पहुंच गए और पथराव करना शुरू कर दिए और बारात रोकने की कोशिश की। जिसमें दो लोग घायल भी हो गए। जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्षों को शांत करवाया। मामले की गहराई को समझते हुए पुलिस ने 6 नामजद आरोपियों ओर 3 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
आपको बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। कुछ दिनों पहले सुवासरा थाना क्षेत्र में दबंगों ने एक दलित की बारात रोक दी थी। हालांकि तब पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाल लिया था और बारात को निकलवाया था।