एक अप्रैल से लौह अयस्क खदानों में लटक जायेंगे ताले, जानिए क्या है वजह
रोजी-रोटी पर संकट
- 1000 से ज्यादा खनन कर्मचारियों की छिन जायेगी नौकरी
- 700 से ज्यादा लोडिंग-अनलोडिंग में लगे ट्रकों के थम जायेंगे चक्के
- 12 हजार परिवार प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से होंगे प्रभावित
- पुन: नियोजन का किसी के पास नहीं जवाब
चाईबासा, सुधीर पांडेय। : पश्चिमी सिंहभूम की पूरी अर्थव्यवस्था खनिज के कारोबार पर टिकी है। 25 दिन बाद यह अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमराने वाली है। 31 मार्च 2020 को वर्तमान में चल रही सभी छह लौह अयस्क व मैंगनीज खदान की लीज पूरी तरह रद्द हो जायेंगी।
केंद्र सरकार के एमएमडीआर संशोधन अधिनियम 2015 के तहत निजी कंपनियों के वैसे लौह अयस्क खदान, जो केवल अयस्क का व्यापार करते हैं, उन्हें मार्च 2020 तक के लिए अवधि विस्तार दी गयी थी। उसकी अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही है। इसके साथ ही लीज रद्द हो जायेगा। पश्चिम सिंहभूम में कुल 42 लौह अयस्क खदान हैं, जो पूर्व में चालू थीं। वर्तमान में कैपटिव व नॉन कैपटिव को मिलाकर केवल 13 लौह अयस्क खदान ही चालू हैं। टाटा स्टील और सेल की कुल सात खदानों को छोड़कर रुंगटा, देवकाबाई वेलजी समेत शेष सभी खदानों में 1 अप्रैल 2020 से ताले लटक जायेंगे।
10 हजार लोग परोक्ष रूप से होंगे प्रभावित
खदानों के बंद होने से 1000 से ज्यादा लोगों की नौकरी जाना तय है। वहीं, 10 हजार से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे। इनमें 3000 ट्रक चालक और खदानों में काम करने वाले 1000 से ज्यादा ठेका मजदूरों के परिवार वाले भी शामिल हैं। जिला या राज्यस्तर से अभी तक ऐसी कोई योजना अथवा नीति नहीं बनी है जिससे इतनी नौकरियों को बचाया जा सके। खदानों के बंद होने से सबसे ज्यादा असर बड़ाजामदा, नोवामुंडी, गुवा, जगन्नाथपुर व हाटगम्हरिया में पड़ेगा। लौहांचल के नाम से प्रसिद्ध यह पूरा इलाका लौह अयस्क के धंधे पर ही निर्भर है। खदानों के बंद होने से सभी छोटे-छोटे व्यवसाय तथा खनन क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के समक्ष आजीविका की समस्या उत्पन्न हो जायेगी।
एक अप्रैल से इन लौह अयस्क खदानों में लटकेंगे ताले
- देवकाबाई वेलजी की अजीताबुरू माइंस
- मेसर्स रुंगटा माइंस प्राइवेट लिमिटेड की घाटकुरी माइंस
- मेसर्स रुंगटा माइंस प्राइवेट लिमिटेड की मेरेलगड़ा माइंस
- मेसर्स रामेश्वर जूट मिल्स लिमिटेड की बरायबुरू-टाटिबा माइंस
- एनकेपीके की घाटकुरी माइंस
- मेसर्स विजय कुमार ओझा की बड़ाबालजोरी माइंस
ये हो रहे प्रयास
खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव स्तर से यह प्रयास किया जा रहा है कि वन विभाग एवं राज्य सरकार तुरंत बेधन की अनुमति प्राप्त हो, जिससे की नीलामी की प्रक्रिया को हम लोग त्वरित गति से शुरू कर सकें। चूंकि पूरा खदान क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत आता है इसलिए वहां से अनापत्ति प्राप्त करना बहुत जरूरी है। इसके लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है। कई दौर की बैठकें भी हुई हैं। वन विभाग से अनापत्ति मिलते ही छह माह के भीतर बेधन कर नीलामी के लिए ब्लाक तैयार कर दिये जायेंगे।
-संतोष कुमार सिंह, उपनिदेशक, खान एवं भूतत्व विभाग, चाईबासा।
ये कहते खान पदाधिकारी
पश्चिमी सिंहहभूम में कुल 42 लौह एवं मैंगनीज अयस्क खदान हैं। इनमें से 19 खदानें पूर्व में चालू थीं। कामन कॉज के तहत तय जुर्माना राशि नहीं चुकाने के कारण 13 खदानों को सरकार ने बंद करने का आदेश जारी किया था। वर्तमान में छह खदान चालू अवस्था में हैं। जिन खदानों का लीज 31 मार्च 2020 को खत्म हो रहा है, उनमें एक अप्रैल से ताला लटक जायेगा। देवकाबाई वेलजी और एनकेपीके में 15 मार्च के बाद डिस्पैच बंद होगा। सरकार झारखंड में ई-नीलामी के जरिये खदानों को पुन: चालू करेगी।इसमें कितना समय लगेगा, नहीं बता सकते।
-संजीव कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, चाईबासा।
01 अप्रैल 2019 से 03 मार्च 2020 तक रायल्टी और डीएमएफटी मद में जमा राशि (करोड़ में) का विवरण
- कंपनी रायल्टी डीएमएफटी
- टाटा स्टील – 453,93,01,830 रुपये 136,17,90,557 रुपये
- सेल गुवा 128,79,57,197 रुपये 38,63,58,636 रुपये
- सेल चिडिय़ा 36,42,39,159 रुपये 11,62,01,542 रुपये
- सेल किरीबुरू 141,30,05,665 रुपये 43,06,10,663 रुपये
- सेल मेघाहातुबुरू 121,66,82,744 रुपये 36,13,10,343 रुपये
- रुंगटा माइंस घाटकुरी 3,90,13,616 रुपये 2,46,28,808 रुपये
- एनकेपीके घाटकुरी 13,86,23,517 रुपये 4,35,68,466 रुपये
- अनिल खिरवाल 84,96,194 रुपये 18,04,449 रुपये
- देवकबाई वेलजी 13,82,54,770 रुपये 4,14,76,450 रुपये
- रामेश्वर जूट मिल 21,85,21,188 रुपये 6,55,56,355 रुपये
- विजय कुमार ओझा 2,42,056 रुपये 72,616 रुपये
- टाटा स्टील लांग प्रोडेक्ट््स 50,80,33,992 रुपये 8,53,51,677 रुपये
- 15 फीसद की दर से हर माह आइबीएम की ओर से जारी स्केल प्राइज का रायल्टी मद में होता है जमा
- 30 फीसद की दर से रायल्टी का हर माह कंपनियां डीएमएफटी मद में पैसा कराती हैं जमा