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ये क्‍या बोल गए स्पीकर, सदन को आर्केस्ट्रा बना रखा है…ऐसे मत मटकिए

रांची। स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा के विधायकों को पहली बार खूब फटकार लगाई। अमूमन शांत रहने वाले विधानसभा अध्यक्ष का गुस्सा लगातार सदन की कार्यवाही बाधित करने को लेकर था। दरअसल कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग को लेकर भाजपा के विधायक विरंची नारायण, राज सिन्हा, रणधीर कुमार सिंह, नीरा यादव, अपर्णा सेन गुप्ता आदि वेल में धमक गए। भाजपा विधायकों ने जमकर नारे लगाए।

इस बीच प्लेकार्ड लेकर भाजपा विधायक विरंची नारायण विधानसभा सचिव की मेज और रिपोर्टर टेबल के बीच गोल-गोल घूमने लगे। इसे देख विधानसभा अध्यक्ष ने खूब खरी-खोटी सुनाई। उनका तल्ख रूप देखकर भाजपा विधायक थोड़ा सहमे। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने भाजपा विधायकों को फटकारते हुए कहा कि विधानसभा रंगमंच है क्या? इसको आप लोगों ने आर्केस्ट्रा बना रखा है। चारो तरफ घूम रहे हैं। आसन के सामने मत मटकिए। इस बीच सत्तापक्ष से डॉ. इरफान अंसारी, बैद्यनाथ राम, उमाशंकर अकेला आदि भी वेल में धमक गए और भाजपा विधायकों के खिलाफ बोलने लगे।

स्पीकर ने लगातार भाजपा विधायकों को इंगित करते हुए कहा कि हाउस को मजाक मत बनाइए। अपनी सख्त टिप्पणी के दौरान उन्होंने इसका सीधा प्रसारण कर रहे कैमरों को बंद करने का आदेश दिया। उन्होंने बोला कि आपके गरिमा का यही स्तर रह गया है क्या? स्पीकर की तल्ख टिप्पणी के बाद भाजपा विधायकों ने समवेत स्वर में कहा कि बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता पर निर्णय करिए। इसपर स्पीकर ने कहा कि न्याय की प्रक्रिया चल रही है। आसन के साथ समन्वय बनाइए। आसन को नियमों के तहत चलना पड़ता है। आसन को समय दीजिए। आपलोग पहले व्यवस्थित होकर बोलें। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के सदस्यों को आपस में भिड़ते देख स्पीकर ने ताकीद की कि टोकाटोकी मत कीजिए।

बाबूलाल की मान्यता को लेकर आपात बैठक, नहीं निकला कोई नतीजा

स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने पहली पाली की शुरुआत में हंगामे को देखते हुए सदन की सूचित किया कि बाबूलाल मरांडी के मसले का समाधान मिलकर करना होगा। सदन जनता के प्रश्नों को उठाने और उसके समाधान के लिए है। उन्होंने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित करते हुए अपने कक्ष में सर्वदलीय बैठक बुलाई। हालांकि इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। भाजपा के सदस्यों ने कहा कि बाबूलाल मरांडी पर जल्द निर्णय करिए। एक तरफ नेता सदन मौजूद हैं तो नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली रखना सही परंपरा नहीं है। संसदीय लोकतंत्र में प्रतिपक्ष का अहम स्थान है। इतने दिनों से इसे रोककर रखा गया है। सीपी सिंह ने कहा कि स्पीकर एक अवधि बताएं कि इतने समय में समाधान कर लेंगे। सरयू राय ने भी इसपर मंतव्य रखा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे पूरे मामले को देख रहे हैं और तमाम कानूनी पहलुओं का अध्ययन भी कर रहे हैं। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर वे निर्णय करेंगे। दोबारा कार्यवाही आरंभ होने के बाद भाजपा सदस्यों ने वेल में आकर फिर नारेबाजी की। विधायक वेल में धरने पर बैठ गए।

प्रश्नकाल बाधित करना अच्छी बात नहीं : स्पीकर

स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने विधानसभा को बाधित करने को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि सदन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी के सकारात्मक सुझावों की आवश्यकता होती है। इसी के तहत सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। कुछ दिनों से सदन दलीय स्थिति को लेकर गतिरोध के दौर से गुजर रहा है, जिससे विधानसभा की कार्यवाही बाधित हो रही है। सभा सचिवालय को अलग-अलग पक्षों से पत्र पिछले कुछ दिनों में प्राप्त हुए हैैं, जिसको लेकर जटिल वैधानिक प्रश्न उत्पन्न हुआ है। विधानसभा में मूल राजनीतिक दलों की स्थिति और सदन की दलीय स्थिति में भिन्नता होती है। विधानसभा में वैधानिक समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था निर्धारित है, जिससे ऐसी जटिलता का ससमय निराकरण होगा। वे इसके लिए तत्पर हैैं, लेकिन इसकी वजह से प्रश्नकाल और अन्य कार्यवाही बाधित करना अच्छी परिपाटी नहीं है।