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झारखंड में सरकारी धन निजी खाते में रखा तो होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रत्येक गरीब, वृद्ध और विधवा तक खाद्यान्न पहुंचाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अफसरों को चेतावनी दी है कि सरकारी धन निजी खाते में रखने से बाज आएं। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। पूर्व में इस बाबत शिकायतें मिलती रही है। मंगलवार को विभागीय समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिए। ऊर्जा विभाग की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया कि बिजली की सभी योजनाएं मार्च तक पूरी कर ली जाए।

सीएम ने सौर ऊर्जा आधारित बिजली पर अधिक जोर देने का निर्देश दिया और प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों को दूसरे राज्यों के बराबर पारिश्रमिक देने के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा। मंगलवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वर्तमान और आने वाले दिनों में बिजली की घरेलू और व्यावसायिक आवश्यकता का ठीक से आकलन करें।

इसके लिए आवश्यक आधारभूत संरचना और ट्रांसमिशन लाइन की उपलब्धता सुनिश्चित हो। 2015 से चल रहे काम को किसी भी हाल में 31 मार्च तक खत्म करें। सौर ऊर्जा आधारित बिजली पर अधिक काम करें। एक टोला, पंचायत अथवा गांव आदि इकाइयों पर सोलर पैनल की यूनिट लगायी जा सकती है।

मनरेगा के तहत 100 दिन का काम

मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्रामीण विकास को केंद्र में रखकर कार्य किये जाएं और प्रदेश में मनरेगा के तहत 100 दिनों का रोजगार देना सुनिश्चित किया जाए। अभी औसतन 41 दिनों का रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने मनरेगा के तहत केंद्र से कम मजदूरी मिलने की बात पर चिंता जताई और अधिकारियों से कहा कि इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजें। ज्ञात हो कि प्रदेश में मनरेगा के तहत 171 रुपये की मजदूरी दी जा रही है। कई राज्यों को इससे अधिक दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में एक अध्ययन करते हुए केंद्र को प्रस्ताव दिया जाए। मजदूरी बढऩे से गरीब मजदूरों के पोषण क्षमता में वृद्धि होगी।

हर गरीब, वृद्ध और विधवा तक खाद्यान्न पहुंचे

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रत्येक गरीब, वृद्ध और विधवा तक खाद्यान्न पहुंचाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गांव में जब उम्र के आधार पर एक व्यक्ति कार्य से अशक्त हो जाता है, तब उस तक खाद्यान्न पहुंचाना हमारा दायित्व बन जाता है। विभाग ऐसी योजना तैयार करे जिससे जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा जा सके।

राजस्व बढ़ाने पर जोर

वित्त और वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा में प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि करों की चोरी करने वाले और सरकारी धन को निजी खाते में रखने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें। समीक्षा बैठक में मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम के अलावा मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी, विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव एल ख्यांगते, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के अलावा विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव और सचिव, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपालजी तिवारी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अधिकारी कैंप लगाकर बनाएं जाएं जाति प्रमाणपत्र

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुनिश्चित करने को कहा कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के बच्चे जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ना भटकें। मंगलवार को समीक्षा के दौरान उन्होंने कैंप लगाकर जाति प्रमाण पत्र बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी व्यवस्था हो कि 9वीं कक्षा में ही सभी बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बन जाएं। जिला और प्रखंड स्तर के अधिकारी इस बात को गंभीरता से लें। सीएम ने कहा कि कई क्षेत्रों में जाति प्रमाण पत्र न बनाये जाने या उसे लंबित रखने की बहुत सी शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों को दूर किया जाए।

ग्रामीण सड़कों और पुल-पुलियों पर फोकस

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ग्रामीण इलाकों में सड़कों को दुरुस्त करने और उन्हें प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालयों तक को जोडऩे के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है। इस दौरान उन्होंने पहले से दुरुस्त सड़कों की मरम्मत के बहाने पैसे की बर्बादी रोकने के निर्देश दिए। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण इलाकों में पुल-पुलियों को दुरुस्त करने, सड़कों के निर्माण और वर्षों से जर्जर मार्गों के सुदृढ़ करने पर बल दिया। अधिकारियों को सीएम ने निर्देश दिया कि प्रखंड और जिला मुख्यालयों से जोडऩेवाली सड़कें दुरुस्त रहें। ग्रामीण इलाकों की सड़कों को अस्पतालों और कॉलेज व स्कूलों तक पहुंचाने का निर्देश दिया।