रामगढ़: विश्व आर्द्र भूमि दिवस के अवसर पर शुक्रवार को समाहरणालय सभाकक्ष में नमामि गंगे योजना के तहत परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान नोडल पदाधिकारी नमामि गंगे योजना सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ असीम कुमार के द्वारा सर्वप्रथम परिचर्चा में उपस्थित वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार, उप विकास आयुक्त रोबिन टोप्पो सहित अन्य का स्वागत किया गया जिसके उपरांत उन्होंने विश्व आर्द्र भूमि दिवस मनाए जाने के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी की तिथि को विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व आर्द्र भूमि दिवस का थीम आर्द्रभूमि एवं मानव कल्याण निर्धारित है। आर्द्र भूमि का मतलब किसी भी वैसे क्षेत्र से हैं जहां स्थाई, अस्थाई अथवा मौसमी रूप से जल जमाव रहता है। मौके पर उन्होंने आर्द्रभूमि चिन्हित होने पर संबंधित जल स्रोत के संरक्षण एवं विकास की दिशा में किए जाने वाले कार्यों की भी जानकारी दी।
परिचर्चा के दौरान वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार ने सभी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस की शुभकामनाएं देते हुए विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाए जाने के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। मौके पर उनके द्वारा किसी जल स्रोत को आर्द्रभूमि के रूप में चिन्हित करने के उपरांत संबंधित स्रोत के संरक्षण एवं उसके विकास की दिशा में किए जाने वाले कार्यों की भी जानकारी सभी को दी गई। इस दौरान वन प्रमंडल पदाधिकारी ने सभी को जानकारी देते हुए बताया कि रामगढ़ जिले में भी एक आद्र भूमि को नोटिफाई करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है जोकि गिद्दी ए कोलियरी क्षेत्र में मीनिंग कोलपीट है। मौके पर उन्होंने सभी से आर्द्रभूमि के महत्व को समझते हुए उनके संरक्षण के लिए लोगों को जागरुक कर विभिन्न माध्यमों से इन कार्यों में अपना योगदान देने की अपील की।
परिचर्चा के दौरान उप विकास आयुक्त श्री रॉबिन टोप्पो ने सभी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहां की बिना जल के हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर बड़ी मात्रा में पानी उपलब्ध है लेकिन उपयोग में लाए जाने वाले पानी की मात्रा बहुत कम है। आर्द्रभूमि के फायदे की जानकारी देने के क्रम में उन्होंने बताया कि ग्राउंड वाटर रिचार्ज में आर्द्रभूमि का योगदान बहुत बड़ा है। वर्तमान में हम देखते हैं कि विभिन्न आर्द्रभूमि को अतिक्रमण अथवा अन्य किसी माध्यम से खत्म किया जा रहा है जो कि हमारे पर्यावरण के साथ-साथ हमारे जीवन के लिए भी बेहद खतरनाक है। इस दौरान उन्होंने जिले में आर्द्रभूमि चिन्हित करने एवं उन्हें पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।*
परिचर्चा के दौरान जिले के विभिन्न मीडिया संस्थानों से आए मीडिया प्रतिनिधियों, जल सहियाओं, गांधी स्मारक प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं द्वारा विश्व आर्द्रभूमि दिवस को लेकर कई आवश्यक जानकारियां दी गई एवं उनके द्वारा आर्द्रभूमियों के संरक्षण हेतु विभिन्न सुझाव भी दिए गए। परिचर्चा के दौरान धन्यवाद ज्ञापन सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी शशांक शेखर मिश्रा के द्वारा किया गया। इस दौरान परियोजना निदेशक आत्मा, डीपीओ नमामि गंगे योजना रामगढ़, एसएमपीओ सहित अन्य उपस्थित थे