Logo
ब्रेकिंग
रामगढ़ में सड़कों पर खुलेआम पशुओं को छोड़ने वाले मालिकों की अब खैर नहीं! बिजुलिया तालाब का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक सुनीता चौधरी ने किया शिलान्यास, बोटिंग, सिटिंग, झूले और भ... नशे के सौदागरों के विरुद्ध रामगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 2 करोड़ से अधिक का गांजा जप्त, एक गिरफ्तार मॉबली*चिंग के खिलाफ भाकपा-माले ने निकाला विरोध मार्च,किया प्रदर्शन छावनी को किसान सब्जी विक्रेताओं को अस्थाई शिफ्ट करवाना पड़ा भारी,हूआ विरोध व गाली- गलौज सूक्ष्म से मध्यम उद्योगों का विकास हीं देश के विकास का उन्नत मार्ग है बाल गोपाल के नए प्रतिष्ठान का रामगढ़ सुभाषचौक गुरुद्वारा के सामने हुआ शुभारंभ I पोड़ा गेट पर गो*लीबारी में दो गिर*फ्तार, पि*स्टल बरामद Ajsu ने सब्जी विक्रेताओं से ठेकेदार द्वारा मासूल वसूले जाने का किया विरोध l सेनेटरी एवं मोटर आइटम्स के शोरूम दीपक एजेंसी का हूआ शुभारंभ

Lok Sabha Election 2024 नीतीश-लालू ने बिहार में बांट लीं अपनी-अपनी सीटें, माले ने आरा समेत इन चार सीटों पर लगाया अड़ंगा

दोनों बड़े दल 17-17 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

कांग्रेस के हिस्से में चार या पांच सीटें

बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक तेज है। इस बीच नीतीश कुमार और लालू यादव ने तय कर लिया है कि जदयू और राजद कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इधर आइएनडीआइए को आगे बढ़ाने की मुहिम में भाकपा माले ने चार सीटों पर अड़ंगा डाला है। कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि वह सर्वसम्मति से तय सीट के मुताबिक चुनाव लड़ेगी
विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में राष्ट्रीय स्तर पर सीटों के बंटवार के लिए सामूहिक विमर्श का दौर चाहे जब से शुरू हो, लेकिन बिहार में दो बड़े घटक दलों के बीच कोई लफड़ा नहीं है। राजद और जदयू ने बराबरी के आधार पर सीटें बांट ली हैं और इस निर्णय से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत करा दिया है।

बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। जदयू के पास अभी 16 और कांग्रेस के पास एक सीट है। जदयू ने साफ कह दिया है कि वह किसी भी हाल में 17 सीटों से कम पर नहीं लड़ेगा। पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के साथ गठबंधन में उसके हिस्से में इतनी ही सीटें आई थीं, जिसमें 16 पर जीत मिली थी।

राजद से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्ताव पर लालू प्रसाद की भी सहमति है। कांग्रेस और वामदलों के हिस्से की सीटों को अभी स्पष्ट नहीं किया गया है। किंतु राजद-जदयू के बीच सहमति के बाद सिर्फ छह सीटें बचती हैं।
ऐसी स्थिति में उसके खाते में चार सीटें ही आ पाएंगी। जदयू और राजद के बीच यह सहमति बिहार प्रदेश कांग्रेस की आलाकमान के साथ दिल्ली में बैठक से पहले ही बन चुकी है।

दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे एवं राहुल गांधी के साथ मंगलवार की बैठक के बाद बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा था कि गठबंधन की प्रतिबद्धता को समझते हुए वह आठ से नौ सीटों पर लड़ना चाहते हैं।

भाकपा माले को राजद ने अपने कोटे की 20 सीटों में से सिर्फ एक (आरा की सीट) मित्रता वश दी थी। मगर माले ने अस्तित्व की रक्षा के नाम पर महागठबंधन के प्रत्याशियों के विरुद्ध तीन और सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए थे।

दोस्ताना संघर्ष की भी तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, आइएनडीआइए के घटक दलों के साथ सीट बंटवारे के लिए मुकुल वासनिक की अध्यक्षता वाली बनाई गई कांग्रेस की विशेष कमेटी पर निर्भर करता है कि बिहार में कांग्रेस कितनी सीटों पर तैयार होती है।

कांग्रेस अगर चार सीटों पर तैयार नहीं होती है और उसे पांच सीटें देने की मजबूरी होगी तो माले गठबंधन में अपने हिस्से में आई एक सीट के अतिरिक्त चार सीटों पर दोस्ताना संघर्ष कर सकता है। माले अभी पाटलिपुत्र, आरा, जहानाबाद और सिवान के लिए अड़ा हुआ है।

भाकपा-माकपा को मिल सकती है निराशा l

राष्ट्रीय स्तर पर आइएनडीआइए में शामिल भाकपा एवं माकपा को बिहार में निराशा हाथ लग सकती है। अभी तक की सहमति के अनुसार राजद एवं जदयू जनाधार के आधार पर माले को नजरअंदाज करने के पक्ष में नहीं हैं। राजद नेता एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का मानना है कि वामदलों में सिर्फ माले का ही जनाधार है।
बाकी दोनों दलों का आधार इतिहास की बात हो गई। राजद ने ऐसी ही बात पिछले लोकसभा चुनाव में भी कही थी, जब बेगूसराय की सीट पर भाकपा ने कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाया था, तब राजद ने भाकपा को बिहार में एक जाति विशेष की पार्टी बताते हुए डा. तनवीर हसन को कन्हैया के खिलाफ सिंबल थमा दिया था।