रामगढ़ में 108 एंबुलेंस के सभी इएमटी ( आपातकालीन चिकित्सा तक्नीशियन) और चालक सामूहिक रूप से हड़ताल पर चले गएl
रामगढ़ में 108 एंबुलेंस के सभी इएमटी ( आपातकालीन चिकित्सा तक्नीशियन) और चालक ने सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ अपनी मांगों को पूरी करने के लिए प्रदर्शन करते नजर है . हड़ताल कर रहे लोगों के अनुसार सभी चालक और इएमटी को पांच महीने से वेतन नहीं मिला हैं जिससे वो नाराज है. उनका कहना है कि हम लोग अपने जान को जोखिम में डालकर चौबीसों घंटे आम और ख़ास हर वर्ग के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
कोरोना जैसे डरावने और बुरे हालात में भी हमने अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर अपने परिवार का फिक्र किए बगैर हमने सिर्फ लोगों की सेवा की और आज हम भुखमरी के कगार पर आ गए है मगर हमारी समस्या का निदान करने वाला कोई नहींl
इस तस्वीर को देखने और हालात को समझने के लगता है कि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है. क्योंकि मंगलवार से रामगढ़ जिले के सभी 108 एंबुलेंस के करीब 40 लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हालांकि रामगढ़ जिले के सिविल सर्जन ने स्थिति से निपटने के लिए सरकारी एंबुलेंस से काम लेने की बात कही है, साथ ही चालकों के मांग पत्र को सरकार को भेजने की बात कही है.
Byte : सिविल सर्जन, रामगढ़ l
आप इस विरोध के नज़ारे को देख सकते हैं जहाँ सिविल सर्जन कार्यालय के समझ अनिश्चितकालीन हड़ताल करने वाले 108 एंबुलेंस के इएमटी और चालकों ने कहा कि हम लोगों और परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. घर परिवार चलाने में हम लोग पूरी तरह से अक्षम हो चुके हैं. पिछले 5 महीने का वेतन हम लोगों का बकाया है, जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा है. इस संबंध में मांग करने पर बार-बार सिर्फ उन्हें आश्वासन ही दिया जा रहा है.
इसी को लेकर आज से हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है. जब तक हमारे बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है तब तक हम लोग हड़ताल पर रहेंगे l
एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मरीज को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा उन्हें अधिक कीमतों पर प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ेगा और उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. 108 एंबुलेंस से ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी राहत मिलती थी. लेकिन ड्राइवर्स के आंदोलन से ग्रामीण इलाके की स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
जिन्होंने हमें और हमारे परिवार के जिंदगी की रक्षा के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर 24 घंटे सेवा प्रदान कियाl आज उन लोगों के परिवार के आगे भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होने की नौबत आ गई है, उन्हें सड़क पर उतरकर अपने हक और अधिकार के लिए प्रदर्शन करना पड़ रहा है यह बेहद ही दुखद बात हैं l