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चिपको आंदोलन जैसा झारखंड में दिखा नज़ारा, पेड़ कटाई के विरुद्ध महिलाएं पेड़ों से लिपटी

चिपको आंदोलन जैसा झारखंl

में दिखा नज़ारा, पेड़ कटाई के विरुद्ध महिलाएं पेड़ों से लिपटी

रामगढ़ : पर्यावरण की रक्षा का ऐतिहासिक चिपको आंदोलन जैसा ही नजारा झारखंड के रामगढ़ में देखने को मिला, जब ग्रामीण महिलाएं पेड़ों से चिपक कर पेड़ बचाने के लिए पुलिस प्रशासन से नोकझोंक करती नजर आई, आप इस पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के बीच पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन करती महिलाओं के वीडियो को देखेगे तो यह वीडियो आपको इतिहास के उस तारीख को याद दिलागा, ज़ब वर्तमान उत्तराखंड में 1972 में जंगलों की हुई अंधाधुन और अवैध कटाई को रोकने के लिए
तत्कालीन उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में सन 1973 में चिपको आंदोलन प्रारंभ की गई थी l दरअसल चमोली के स्थानीय आंदोलनकारी चंडी प्रसाद भट्ट और गौरा देवी की ओर से पेड़ को बचाने के लिए चिपको आंदोलन किया गया था और झारखंड के रामगढ़ जिले में भी ऐसे दृश्य देखने को मिला है, जहां पेड़ो की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में महिलाए पेड़ों से चिपक कर, तो पेड़ को काटने की प्रक्रिया शुरू करने पहुंचे वन विभाग और पुलिस प्रशासन के लोगो के पैर को पकड़कर रोती गिराती नजर आई l विरोध कर रही महिलाओं ने पेड़ कटाई से हुए प्रदूषण और जानमाल की क्षति का हवाला देते हुए पेड़ की कटाई के प्रक्रिया को शीघ्र रोकने का आग्रह किया! गौरतलब है कि रामगढ़ जिला अंतर्गत कुज्जू ओपी क्षेत्र के निजी कंपनी के विस्तारीकरण के दौरान यह मामला सुर्खियों में आया और तब से इसका वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है l