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रामगढ़: पतरातू प्रखंड अंतर्गत भुरकुण्डा के ईमलीगाछ पंचायत में 306 मवेशियों को लम्पी स्किन डिसीज़ से बचाव हेतु भ्रमणशील पशुचिकित्सा पदाधिकारी, भुरकुण्डा डॉ० पंकज कुमार के द्वारा टीकाकरण किया गया एवं पशुपालकों को इस बीमारी से बचाव संबंधित जानकारी भी दी गई। साथ ही डॉ० पंकज ने पशुपालको को किसी भी तरह के अंधविश्वास से बचने की सलाह भी दी और बताया कि ये बीमारी कोई दैवीय प्रकोप नहीं है। LSD मुख्यतः गौजाति एवं भैसजाति के पशुओं को संक्रमित करने वाला एक विषाणुजनित छुआछूत की बीमारी है।
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लंपी रोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां-
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Lumpy Skin Disease संक्रमण के संबंध में आमजन एवं पशुपालकों को जानकारी दी गयी कि लंपी स्किन रोग मुख्यतः गौजाति एवं भैंस जाति के पशुओं को संक्रमित करने वाला एक विषाणुजनित बीमारी है जो एक पशु से दूसरे पशु तक फैलता है।
संक्रमित पशुओं में आँख एवं नाक से श्राव, लसिका , ग्रथियों (Lymph Glands ) में सूजन , तेज बुखार , त्वचा पर गाँठदार घावों का उभरना , मादा पशुओं में थनैला , निमोनिया आदि लक्षण पाये जाते हैं । इस बीमारी में मृत्यु दर 10 प्रतिशत तक है पर उत्पादन में काफी गिरावट होती है।
गौजाति एवं भैंस जाति में यदि इस तरह के लक्षण पाये जाते हैं तो निकटतम पदाधिकारी को सूचित किया जा सकता है ताकि पशुचिकित्सा एवं रोकथाम की कार्रवाई की जा सके।
इसके लिए राज्यस्तरीय टॉल फ्री नम्बर 18003097711 जारी किया गया है, जिसमें 11:00 AM से 05:00 PM तक पशुचिकित्सकों से सलाह ली जा सकती है।
लंपी स्कीन डिजीज के लक्षण
लंपी स्कीन डिजीज के लक्षण
संक्रमित पशु को बुखार आना
पशुओं के वजन में कमी
आंखों से पानी टपकना
लार बहना
शरीर पर दाने निकलना
दूध कम देना
भूख न लगाना
लंपी स्किन डिजीज से बचाव
संक्रमित पशु को अलग रखें।
तबेले की साफ सफाई रखें।
मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे करें।
संक्रमित पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं।
पशुओं को चिकित्सक की सलाह पर दवा दे सकते हैं।