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रामगढ़ : सिनेमा जगत के महानायक अमिताभ बच्चन और 80 के दशक की मशहूर अभिनेत्री जया प्रदा पर फिल्माया, गंगा जमुना सरस्वती का यह गाना (पति परमेश्वर के सिवा मुझको ना परमेश्वर चाहिए) आज के दिन हमारे देश की हिंदू नारी शक्तियों पर बिल्कुल सटीक बैठता है। क्योंकि हमारी हिंदुस्तानी स्त्रियां अपने पति को परमेश्वर का दर्जा देती है और कई ऐसी मान्यताएं और पौराणिक कथाएं है, जिसके तहत ऐसी मान्यता है कि माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान को मौत के मुहं से निकाला था, इसके लिए उन्हें वट वृक्ष के नीचे ही कठोर तपस्या करनी पड़ी थी।
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इतना ही नहीं पति को दोबारा जीवित रखने के लिए सावित्री यमराज के द्वार तक पहुंच गयी थी, और अपने पति को काल के गाल से बाहर निकाल लायी थी। इतनी शक्ति है हिंदुस्तान की नारी शक्तियों के इस वट सावित्री पूजा में l अब आप झारखंड के रामगढ़ की नारी शक्तियों के खूबसूरत परिधान और आभूषणों से सुसज्जित महिलाओं के वटवृक्ष पूजन विधि को देखें और पूजन कर रही महिला व्रती आभा सिन्हा को सुनें।
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सुहागिन महिलाओ ने रामगढ़ के थाना चौक स्थित वटवृक्ष के नीचे अपने जीवनसाथी को परमेश्वर का दर्जा देते हुए अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री का पूजा किया साथ ही वट वृक्ष में सूत बांध कर परिक्रमा की एक दूसरे को सिंदूर लगाया और पूजा के बाद सावित्री और सत्यवान की कथा सुनी ।