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आइडीए की योजनाओं में प्लाट की दर व्यवसायिक क्यों, गाइडलाइन पर सवाल

इंदौर। जिला मूल्यांकन समिति द्वारा शहर में संपत्ति व जमीनों की प्रस्तावित नई गाइडलाइन पर कांग्रेस ने आपत्ति दायर कर दी है। कांग्रेस ने 13 बिंदुओं के आधार पर सवाल दागे हैं और सुझाव भी दिए हैं। कांग्रेस नेताओं ने जिला मूल्यांकन समिति के संयोजक और जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे से मिलकर प्रस्तावित गाइडलाइन पर लिखित सुझाव व आपत्ति पत्र सौंपा।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के साथ विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और अभिभाषक प्रमोद द्धिवेदी जिला पंजीयक से मिलने पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कोरोना काल में बैंकों की ब्याज से लेकर तमाम जगहों पर राहत दी जा रही है ऐसे में संपत्ति की मूल्यवृद्धि कर सरकार लोगों पर बोझ क्यों डालना चाह रही है। गाइडलाइन में लिफ्ट को विलासिता की श्रेणी में रखा गया है। हर क्षेत्र व हर तरह के निर्माण की लागत एक समान निर्धारित की है। यह पूरी तरह गलत है।
विकास प्राधिकरण की आवासीय योजनाओं के भूखंडों की दर व्यवसायिक क्यों रखी गई है। ग्रीन बेल्ट और ऐसी कृषि भूमि जिसका मास्टर प्लान में व्यवसायिक या अन्य प्रयोजन का रखा गया है दोनों की एक ही दर प्रस्तावित की गई है। यह पूरी तरह गलत और अव्यवहारिक है। गाइडलाइन से संपत्ति का मूल्य अधिक होने पर तो पंजीयन में व्यवस्था है लेकिन अगर कम मूल्य है तो व्यवहारिक मूल्य पर रजिस्ट्री की व्यवस्था नहीं है। यह दोहरा मापदंड कैसे रखा जा सकता है।
कांग्रेस नेताओं ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने 78 गांवों को नगर सीमा में शामिल करने का नोटिफिकेशन तो अभी जारी किया लेकिन प्रस्तावित गाइडलाइन में इन गांवों की संपत्ति के भाव पहले से बढ़ा दिए गए ऐसे कैसे हो सकता है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गाइडलाइन के प्रस्ताव आम व्यक्ति के लिए घर का सपना मुश्किल और महंगा करने वाले हैं। ऐसे में इनमें संशोधन करते हुए इन्हें व्यवहारिक किया जाना चाहिए।
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