Logo
ब्रेकिंग
प्रदूषण के मुद्दे पर आलोक स्टील का घेराव कर रहे चार ग्रामीण गिरफ्तार, दबाव पर पुलिस ने छोड़ दिया । ट्रिपल म'र्डर मामले में रामगढ़ कोर्ट का बड़ा फैसला, आरपीएफ जवान पवन सिंह को फां'सी की सजा । देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों मे प्रसिद्ध दिल्ली दरबार अब आपके शहर रामगढ़ में । फर्स्ट राउंड चुनाव परिणाम :5838 वोट से एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी आगे, रामगढ़ उपचुनाव प्रथम चरण मे... बेहतरीन तकनीकी की बदौलत दुनियाँ में तहलका मचाती Yamaha अब युवतियों को अपनी ओर खींच रहा । रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव मतदान संपन्न, 67.96 प्रतिशत लोगों ने डाले वोट, 2 मार्च को चुनाव परिणाम रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव : डीसी माधवी मिश्रा ने मतदान केंद्रों का किया निरीक्षण, दिये निर्देश रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव : एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने पूरे परिवार के साथ किया मतदान रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव : उपायुक्त माधवी मिश्रा और एसपी पीयूष पांडेय ने किया मतदान भव्य कलश यात्रा के साथ आठ दिवसीय श्री श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ प्रारंभ।

मध्य प्रदेश में किसानों के हित में नया कदम, अनाज खरीद में बायोमैट्रिक्स सिस्टम से रोकेंगे फर्जीवाड़ा

भोपाल। मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज बेचने का फायदा सिर्फ वास्तविक किसानों को मिले, इसके लिए शिवराज सरकार नया कदम उठाने जा रही है। इसके तहत गेहूं, धान, चना, मसूर और सरसों बेचने के लिए उपार्जन केंद्रों पर आने वाले किसानों की पहचान बायोमैट्रिक्स सिस्टम से पुख्ता की जाएगी। इसमें आधार नंबर के माध्यम के किसान का सत्यापन होगा। पाइंट ऑफ सेल्स मशीन (पीओएस) का उपयोग भी खरीद केंद्रों पर किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ई-उपार्जन पोर्टल में दर्ज किसानों की जानकारी का मिलान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के किसानों से करवा रहा है। मध्य प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है

मध्य प्रदेश में लगातार गेहूं, धान सहित अन्य फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बढ़ती जा रही है। पिछले साल 129 लाख टन गेहूं खरीदकर प्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया था। धान की भी रिकॉर्ड खरीद हुई है। यही स्थिति अन्य अनाजों को लेकर भी है। लेकिन इस बीच बंपर खरीद को लेकर फर्जीवाड़े के आरोप भी लगते रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं शिकायतें मिलने पर कलेक्टरों से जांच कराई थी।

दतिया, सागर सहित कुछ अन्य जिलों में अन्य राज्यों से उपज लाकर बेचने के मामले भी पकड़ाए थे। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार भी चाहती है कि समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद का लाभ वास्तविक किसानों को ही मिले। इसके लिए व्यवस्थाओं को धीरे-धीरे ऑनलाइन किया जा रहा है। किसानों को उपज का भुगतान सीधे खातों में किया जा रहा है। वहीं, पंजीकृत किसानों से ही खरीद की व्यवस्था लागू की गई है।

नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि राजस्व विभाग के गिरदावरी एप में किसान अपनी जानकारी दर्ज करता है। इसमें वह बताता है कि उसने कौन-सी फसल कितने क्षेत्र में बोई है। ई-उपार्जन व्यवस्था के तहत किसान पंजीयन कराते समय भी अपनी जानकारी देता है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए भी किसानों की पूरी जानकारी जुटाई गई है। अब किसानों की जानकारियों का मिलान कराया जा रहा है। इसके आधार पर यह तय होगा कि वास्तव में कितने किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचते हैं। बायोमैट्रिक्स के आधार पर किसानों का सत्यापन कराने की पहल कर रहे हैं। राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम को इसके लिए तैयारी करने को कहा गया है।

nanhe kadam hide