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रतलाम। रतलाम रेल मंडल के रतलाम-चित्तौड़गढ़ रेल खंड का विद्युतीकरण होने के बाद रविवार को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कान्फ्रेंस से लोकार्पण किया। अब रेलवे इस ट्रैक पर 16 जोड़ी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलाएगा। रतलाम में डीजल इंजन बदलने में लगने वाला समय बचने से सफर कम समय में पूरा होगा। इससे लोगों को आसानी होगी। मालगाड़ी व यात्री ट्रेनों के इलेक्ट्रिक इंजन से परिचालन में रेलवे को सालाना 27.54 करोड़ रुपये की बचत भी होगी।
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प्लेटफार्म नंबर दो पर हुए कार्यक्रम में रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर उपस्थित रहे। लोकार्पण के बाद रतलाम से चित्तौडगढ़ की ओर विद्युत इंजन से गुड्स ट्रेन का परिचालन किया गया। इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक विनीत गुप्ता, अपर मंडल रेल प्रबंधक केके सिन्हा सहित अन्य शाखधिकारी, मंडल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति सदस्य आदि शामिल हुए।
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18 महीने में पूरा किया काम
मंडल रेल प्रवक्ता ने बताया कि सभी ब्राडगेज रेल मार्गो पर वर्ष 2023 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण के मिशन में रतलाम मंडल ने इस लक्ष्य को केवल 18 महीनों में पूरा कर लिया। इसमें कोविड-19 के अप्रैल से सितंबर, 2020 तक छह महीने की लॉकडाउन अवधि भी शामिल है।
इलेक्ट्रिक इंजन के उपयोग से ऊर्जा बिल में बचत होगी और तेल की खपत को भी कम किया जा सकेगा। इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव द्वारा 1000 जीटीकेएम फ्रेट ट्रैफिक पर ऊर्जा लागत करीब 27.50 रुपये आती है, जो डीजल कषर्षण की लागत (करीब 150 रुपये) से काफी कम है। तुलनात्मक गणना में यात्री ट्रेनों के परिचालन पर प्रति वर्ष 9.2 करोड़ तथा माल ढुलाई सेवाओं पर 18.34 करोड़ रुपये की बचत होगी।
रतलाम-चित्तौड़गढ़ रेल खंड विद्युतीकरण परियोजना
अनुमति मिली- वर्ष 2016–17 में
लागत- 205.44 करोड़ रुपये
कुल लंबाई- 191 रूट किमी, 301 ट्रैक किमी
सब स्टेशन और रखरखाव डिपो- जावरा, सदपन, नीमच और चित्तौड़गढ़ में।