इंदौर: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में शुक्रवार को दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, इसरो के पूर्व चेयरमैन एस किरण कुमार, मंत्री तुलसी सिलावट, मंत्री उषा ठाकुर, सांसद शंकर लालवानी, कुलपति रेनू जैन व कुलसचिव डॉ. अनिल शर्मा मौजूद रहे।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आयोजित किए गए दीक्षांत समारोह में 194 छात्रों को गोल्ड मेडल, 22 छात्रों को सिल्वर मेडल और 126 छात्रों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम के दौरान कोरोना वायरस का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ छात्रों को बैठाया गया था।
वहीं, आयोजन में छात्रों व अतिथियों को मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया था। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने नई शिक्षा नीति के बारे में छात्रों को जानकारी दी। वहीं, बताया कि किस तरह से नई शिक्षा नीति वर्तमान समय की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति के आधार पर आने वाले समय में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को मजबूत बनाया जा सकता है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर नई शिक्षा नीति को जल्द ही सुदृढ़ बनाएंगे। वहीं, विषय विशेषज्ञों से शिक्षा नीति को लेकर जो अधिकार राज्यों को दिए गए हैं। उस पर सुझाव लिए जाएंगे इसरो के पूर्व चेयरमैन ए एस किरण कुमार ने संबोधित करते हुए बताया कि किस तरह इसरो ने अपनी तकनीकों के माध्यम से वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा किया है।
तकनीकों के सहारे आम जीवन को बचाने के लिए काम किया है। वर्तमान तकनीकों के बारिश तूफान से बचाने के लिए आम जनता को पहले ही जानकारी उपलब्ध करवा देती है। ऐसे में शिक्षा और तकनीकी वर्तमान में बहुत आवश्यक है।