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MP के सबसे बड़े 2 भूमाफिया गिरफ्तार, 15 फरार, 3 हजार करोड़ से अधिक की जमीन कराई मुक्त

इंदौर: मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकार ने भूमाफियाओं पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इंदौर में ही करोड़ों रूपये के राशन घोटाले को उजागर करने के बाद अब हजारों करोड़ रुपये की जमीनों के जादूगरों के असली चेहरे सामने लाकर उन पर कार्रवाई शुरू कर दी है। बता दें कि इंदौर में बुधवार रात को यह कार्रवाई हुई। इस कार्रवाई को इंदौर के इतिहास की सबसे बड़ी कारगर कार्रवाई माना जा रहा है। प्रशासन और पुलिस विभाग ने की संयुक्त कार्रवाई तीन हजार दो सौ पचास करोड़ की जमीन मुक्त कराई है। इस जमीन पर माफिया का कब्जा तकरीबन दो दशक से भी ज्यादा समय से पहले का था। इस कार्रवाई से करीब 1500 हितग्राहियों को न्याय मिलेगा।

दरअसल, इंदौर की पुष्पविहार के लगभग 1150 और आयोध्यापुरी के लगभग 350 लोग भूमाफियाओं से आहत थे। जहां पुष्प विहार मामले में दिलीप सिसोदिया उर्फ दीपक जैन उर्फ मद्दा , दिपेश वोरा, कमलेश जैन, नसीम हैदर, केशव नचानी, ओमप्रकाश धनवानी के खिलाफ भी एफआईआर हुई है। वही अयोध्यापुरी मामले में सुरेंद्र संघवी ,प्रतीक संघवी, दिलीप सिसोदिया, विमल लोहाड़िया और पुष्पेंद्र नेमा सहित रणवीर सूदन, दिलीप जैन, मुकेश खत्री के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह और डीआईजी मनीष कपूरिया के निर्देशन में बुधवार देर रात शुरू हुई। कार्रवाई के दौरान दो थानों में 6 एफआईआर दर्ज की गई है। वही 2 एफआईआर, एमआईजी और 4 एफआईआर खजराना थाने में दर्ज की गई है।

बता दें कि भूमाफियाओं द्वारा गृह निर्माण सोसायटी बनाकर लोगों को सदस्य बनाने के साथ ही प्लॉट के एवज में मोटी रकम वसूली जाती थी। साथ ही तमाम प्रक्रियाओं का पालन कर भूखंड स्वामी को भूमि का आवंटन नहीं किया जाता था। वही पूरी राशि जमा करने के बावजूद जमीन की रजिस्ट्री नहीं की जाती थी और यदि रजिस्ट्री हो भी जाती थी तो अनाधिकृत रूप से जमीन पर कब्जा कर लिया जाता था।

इसके बाद पुराने सदस्यों को कोई भी कारण बताकर उनकी सदस्यता समाप्त कर नए सदस्यों को जोड़ लिया जाता था जिसके चलते जमीन की जादूगरी का खेल वर्षो से चला आ रहा था। जिसके बाद दोनों ही मामलो में पीड़ित लोग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले थे और सीएम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए लोगों को कार्रवाई का आश्वासन देकर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह जांच के साथ ही कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से ही प्रशासन और पुलिस की टीम जमीनों के मामले में पीड़ितों के पक्ष को ध्यान में रखते हुए एक ब्लू प्रिंट के साथ मैदान में उतरी थी और बुधवार रात को कार्रवाई शुरू कर मामले में एक्शन लिया गया छापामार कार्रवाई कर गिरफ्तारियां शुरू की।