![](https://newslens.net/wp-content/uploads/2023/10/03.png)
तेहरान। ईरानी सुरक्षा बल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने पाकिस्तान में घुसकर अपने दो सैनिकों को आतंकियों के कब्जे से छुड़ा लिया है। ये दोनों उन 12 सैनिकों में शामिल थे, जिन्हें 2018 में अगवा कर लिया गया था। एनाडोलू एजेंसी ने बताया कि रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इन्हें छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी सरजमीं पर खुफिया ऑपरेशन चलाया। रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि दो सैनिकों को जैश उल-अदल के कब्जे से छुड़ाने के लिए मंगलवार रात सफलतापूर्वक अभियान चलाया गया।
![](https://newslens.net/wp-content/uploads/2023/10/05.png)
इन सैनिकों को ढाई साल पहले अपहृत कर लिया गया था। मुक्त कराए गए दोनों सैनिकों को ईरान भेज दिया गया है। 16 अक्टूबर, 2018 को जैश उल-अदल ने सिस्तान प्रांत के मरकावा शहर और बलूचिस्तान प्रांत की सीमा पर रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के 12 सैनिकों का अपहरण कर लिया था। इन अपहृत सैनिकों को छुड़ाने के लिए पाकिस्तान और ईरान के सैन्य अधिकारियों ने एक संयुक्त टीम का गठन किया था।
![](https://newslens.net/wp-content/uploads/2023/10/pitambara.jpg)
इनमें से पांच सैनिकों को उसी साल नवंबर में रिहा करा लिया गया था। इसके बाद 21 मार्च, 2019 को पाकिस्तानी सेना ने चार सैनिकों को छुड़ाने में सफलता हासिल की। जैश उल-अदल को ईरान सरकार ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। इस संगठन ने ईरानी प्रशासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष छेड़ रखा है। इसका कहना है कि वह ईरान में बलूच सुन्नियों के अधिकार की रक्षा कर रहा है।
इस एक्शन के साथ ही ईरान तीसरा देश बन गया है जिसने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों को मार गिराया है। सनद रहे इससे पहले भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान में घुसकर ऐसी ही कार्रवाई को अंजाम दिया था। यही नहीं अमेरिका ने भी रात में एबटाबाद में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। यही नहीं इस कार्रवाई में अमेरिकी मरीन कमांडो ने आतंकी सरगना लादेन की लाश भी अपने साथ ले गए थे।