ग्वालियर: पूर्व सांसद और प्रदेश के पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने किसान बिल को लेकर अपनी ही पार्टी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। उनका आरोप है, कि पार्टी के नेता किसानों को बिल के फायदे नहीं समझा पाए हैं। यही नहीं पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने शराबबंदी का भी समर्थन कर दिया है।
पहले कहा शराबबंदी हो, फिर दिया विवादित बयान…
पहले तो पूर्व मंत्री ने शराबबंदी की बात स्वीकार की। लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि शराब प्रेमियों को बिना परेशान हुए घर के पास ही शराब मिले। उनका कहना है, कि उन्हीं के पार्टी के नेता किसानों को बिल के बारे में सही तरीके से नहीं समझा पाए हैं। लेकिन वे किसान बिल का समर्थन करते हैं और कोरोना काल में जितना संभव हो रहा है, वे अपने स्तर पर किसानों के बीच जाकर आने वाले समय में इसके लाभ के बारे में समझाइश दे रहे हैं और उन्हें बिल के समर्थन मैं तैयार कर रहे हैं। तो वहीं उन्होंने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का समर्थन किया है और प्रदेश में अवैध शराब के अड्डों को रोकने के लिए शराब की दुकानों को बढ़ाए जाने को उचित ठहराया है। पूर्व सांसद अनूप मिश्रा यहीं नहीं रुके शराब दुकानों की तुलना उन्होंने सब्जी ठेले और किराना दुकान से कर डाली और प्रदेश सरकार की नई शराब दुकान खोलने का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, कि अगर प्रदेश में शराबबंदी हो तो 100% हो। नहीं तो नहीं इतनी ज्यादा दुकानें खोल दी जाए की शराब प्रेमियों को घर से ज्यादा दूर ना जाना पड़े। हालांकि इस बीच उन्होंने कहा कि शराब नीति पर क्या कानून बने इसका फैसला सरकार करेगी। लेकिन उन्होंने अपनी निजी राय रखते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो मुरैना जहरीली शराब जैसे हादसे होते रहेंगे।