ताइपे। अमेरिका ने राजदूत का ताइवान दौरा रद कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट को बुधवार को ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचना था। चीन ने इस दौरे का कड़ा विरोध करने के साथ ही चेतावनी भी दी थी।अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि विदेश मंत्री माइक पोंपियो समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों के प्रस्तावित दौरों को रद किया जा रहा है। पोंपियो को बेल्जियम जाना था। जबकि केली का तीन दिवसीय ताइवान दौरा प्रस्तावित था।
यह माना जा रहा है कि अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण के चलते यह कदम उठाया गया है। हालांकि चीन ने केली का दौरा रद होने पर कुछ कहने से इन्कार किया है। ताइवान मामलों के प्रवक्ता झू फेंगलिन ने कहा, ‘हमारा रुख एकदम स्पष्ट है। हम अमेरिका और ताइवान के बीच सभी तरह के आदान-प्रदान का विरोध करते हैं।’ अमेरिकी सत्ता में आने के बाद ट्रंप प्रशासन इस द्वीपीय क्षेत्र के साथ संबंधों को बढ़ावा दे रहा था। हालांकि ताइवान को अपना क्षेत्र मानने वाले चीन को अमेरिका का यह रवैया पसंद नहीं है। वह इसे अपने अंदरुनी मामलों में दखल मानता है।
चीन ने ट्रंप प्रशासन की ओर से ताइवान के लिए कदम-दर-कदम समर्थन पर नाराजगी जताई है, जिसमें शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों द्वारा ताइपे की यात्राएं शामिल हैं। इससे चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शनिवार को कहा कि वह अमेरिकी अधिकारियों और उनके ताइवान के समकक्षों के बीच संपर्क पर प्रतिबंध हटा रहे हैं।
ताइवान की सरकार ने अमेरिका के इस फैसले के लिए समझ और सम्मान व्यक्त किया, लेकिन अफसोस भी जताया। ताइवान की ओर से कहा गया कि विदेश मंत्रालय को अफसोस है कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट के 13 से 15 जनवरी के बीच ताइवान का दौरा करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नहीं कर सकते, लेकिन भविष्य में उचित समय पर आने के लिए हम राजदूत का स्वागत करते हैं।