चमगादड़ को महामारी रोकने वाला जीव मानकर इसकी देखभाल और सुरक्षा करते है ग्रामीण #रामगढ़
दपारा के ग्रामीणों की चमगादड़ के प्रति सोच अन्य जीवों के बचाव के लिये शुभ संकेत है
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दलमी : चीन से आई महामारी कोरोना का सूत्रधार कहि न कही चमगादड़ को माना जाता है। इसीलिए कई देशों में चमगादड़ों को मारने की खुली छूट भी दी गई थी। मगर दुलमी प्रखण्ड में इसे महामारी को रोकने वाला जीव मानकर इसकी देखभाल की जाती है।
चमगादड़ को वैसे तो किसी भी समाज में अशुभ ही माना जाता है। कोरोना महामारी के चलते इसे और भी नफ़रत की निगाह से देखा जाने लगा है। मगर दुलमी प्रखण्ड के ईदपारा गाँव में इसे महामारी रोकने वाला जीव मानकर इसकी देखभाल ही नहीं बल्कि इसकी सुरक्षा भी की जाती है। इस संबंध में गाँव वालों का कहना है कि यह सौ साल से भी ज्यादा समय से गाँव में झुण्ड बनाकर रहते आ रहे हैं। मान्यता है कि चमगादड़ के गाँव में रहने से महामारी यहाँ नहीं भटकती है।
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ईदपारा गाँव में हज़ारों की संख्या में चमगादड़ की प्रजाति वास करती है। जिसकी देखभाल व सुरक्षा भी गाँव वाले ही करते हैं। कोई भी इस जीव की जान नहीं ले सकता है।
वही इस संबंध में स्थानीय समाजसेवी सुधीर मंगलेश ने कहा की हमारे पूर्वजों की मान्यता है, जब से यह चमगादड़ यहां पर है तब से हमारे गांव में कभी भी महामारी प्रवेश नहीं की इसलिए हम लोग इनकी सुरक्षा और देखभाल करते हैं.
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ईदपारा के ग्रामीणों की सोंच चमगादड़ को लेकर जो भी हो, इससे एक जीव की रक्षा तो हो ही रही है। जो अन्य जीवों के बचाव के लिये शुभ संकेत है।