झारखंड के बोकारो जिला में विस्थापितों का आंदोलन कोई नई बात नही है।इसके पहले भी विस्थापित अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं।विस्थापित बोकारो स्टील प्लांट में नियोजन की मांग को लेकर रहे हैं आंदोलन। विस्थापित गांव पचोरा में पानी के पाइप लाइन का काम विस्थापितों ने रोका दिया है ।
इस आंदोलन एव प्रदर्शन में जहां छोटे-छोटे बच्चों के साथ महिलाएं भी इस आंदोलन में कूद पड़ी है। इस तपती गर्मी में और तपती धूप में हाथों में छाता लेकर आदिवासी विस्थापित महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ अपनी मांगों को लेकर आंदोलन मैं कूद पड़ी है।
यह मामला बोकारो के हरला थाना क्षेत्र की है।जहाँ आंदोलन के माध्यम से सोसलडिस्टेंस का खयाल रखते हुए प्रदर्शन किया जा रहा है।इस आंदोलन में सैकड़ों की बड़ी संख्या में आदिवासी विस्थापित महिलाएं और पुरुष जमा होकर हाथों में अपनी मांगों की तख्तियां लेकर आंदोलन कर रहे हैं ।
वही विस्थापितों का कहना है की बोकारो स्टील प्लांट ने हमारी जमीन ले लिया है।लेकिन मुआवजा नहीं दिया साथ ही नौकरी की मांग करने पर हमें दुत्कार दिया जाता है ऐसे में जमीन लुटाने के बाद अब विस्थापित जाएं तो जाएं कहां। सरकार हम आदिवासी विस्थापितों की मदद करें और हक दिलाने का काम करें नहीं तो यहीं पर हम आंदोलन करते करते अपनी जान गवा देंगे लेकिन अपनी जमीन नहीं देंगे।आंदोलन के दौरान विस्थापितो द्वारा नारेबाजी भी किया गया।