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Ramgarh अनुबंध कर्मियों के राज्यव्यापी अवकाश से सरकारी कार्य हुआ बाधित

12 सूत्री मांगे पूरी नहीं होने पर होगा उग्र आंदोलन

रामगढ़: जेएसएलपीएस के अनुबंध कर्मियों द्वारा सामूहिक अवकाश से पूरे राज्य का काम हुआ बाधित, तीन दिवसीय हड़ताल से सरकार के कामों पर पड़ा असर।

झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन संस्थान के अनुबंध कर्मियों ने तीन दिनों तक सामुहिक अवकाश ले लिया है। L7 और L8 के पद पर कार्यरत इन अनुबंध कर्मियों के राज्यव्यापी सामूहिक अवकाश से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं धीमी पड़ गई है। इस सामूहिक अवकाश में पूरे राज्य के करीब एक हजार अनुबंध कर्मचारी शामिल हैं जो वर्तमान सरकार से गुहार लगा रहे हैं। दरअसल पिछली भाजपा की सरकार के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इन सभी के वेतनमान में दो हज़ार रुपये सीधे तौर पर बढ़ाने की बात कही थी जिसको यह सरकार मानने को तैयार नही है। इन कर्मियों की 12 सूत्री मांगे हैं जिनमें आंध्र प्रदेश सरकार की तरह 60 वर्ष की आयु तक काम तथा बच्चों की शिक्षा सहित करोना काल में काम के दौरान मृत्यु होने पर दस लाख की मुआवजा राशि भी शामिल है।

इस मसले पर रामगढ़ जिले में कार्यरत जेएसएलपीएस के अनुबंध कर्मियों द्वारा गठित संस्था के अध्यक्ष सेक्रेटरी एवं कोषाध्यक्ष ने सामूहिक रूप से अपनी 12 सूत्री मांगों की एक प्रतिलिपि जिला प्रभारी को सौंपी। बाहर हाल इस पूरे विषय पर जेएसएलपीएस के जिला प्रभारी ने कैमरे के सामने कुछ भी बताने से इंकार किया है। इस मुद्दे पर बात करते हुए इन कर्मियों के द्वारा गठित संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि पिछले मुख्यमंत्री रघुवर दास के द्वारा दो हज़ार रुपये देने की बात कही गई थी जो अब तक नहीं मिली है और हमारी बातों को ऊपर के अधिकारियों तक नहीं पहुंचने दिया जाता है साथ ही 3 वर्षों के बाद मिलने वाली सुविधाओं से भी हमें वंचित रखा जाता है।

मांगे पूरी नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन

मौके पर उपस्थित एक महिला अनुबंध कर्मी ने बताया कि इस वैश्विक महामारी के दौरान सभी कोई अपने घरों में रहकर ही काम कर रहे हैं जबकि हम लोगों को ग्राउंड स्तर पर घर-घर में जाकर काम करना पड़ रहा है क्योंकि प्रवासी मजदूरों के बीच जाकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से उन्हें अवगत कराना पड़ रहा है।
सामूहिक अवकाश पर गए एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि हम लोग सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को मजदूर तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं अगर हमारे तीन दिवसीय राज्य व्यापी सामूहिक अवकाश को सरकार हल्के में लेती है तो भविष्य में हम और भी ज्यादा उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे ।

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