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डॉक्टर का दावा- प्रोटीन और विटामिन-सी लिया तो नहीं हरा सकता कोरोना

भोपाल। भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज से अभी तक भर्ती किए गए 1390 मरीजों में से 1085 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। अस्पताल के चेयरमैन डॉ. अजय गोयनका ने दावा किया कि एक हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज करने वाला यह देश का पहला अस्पताल है। उन्होंने बहुत भरोसे के साथ कहा कि कोरोना की जल्दी पहचान कर ली जाए। मरीजों को जल्दी ऑक्सीजन मिले। बीमारी के दौरान खाने में पौष्टिक आहार मिले तो कोरोना कतई मरीज को नहीं हरा सकता।

बुधवार को स्वस्थ मरीजों की छुट्टी के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. गोयनका ने कहा कि बायोकेमेस्ट्री की जांचें, एक्सरे, सीटी स्कैन आदि से पहले यह पता करना होगा कि वायरस कौन से अंग को प्रभावित कर रहा है। उस अंग का इलाज कर सही करना होगा। यह देखना होगा कि वायरस अपनी संख्या तो नहीं बढ़ा रहा है। इसके बाद मरीजों को जल्दी ऑक्सीजन देना होगा। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मैदानी क्षेत्र में लगाकर संदिग्ध मरीजों की जल्दी पहचान करना होगी।

उन्होंने कहा कि सर्दी-खांसी और बुखार इस बीमारी में होता है। ऐसे में पर्याप्त आराम करने के साथ दिन में चार से पांच लीटर पानी पी लें। खाने में विटामिन सी के लिए संतरा, नीबू आदि, जिंक व अन्य चीजों के लिए अंडा, प्रोटीन, सुबह-शाम एक-एक गिलास दूध, सोडियम, पोटेशियम के लिए दिन में चार बार चाय लेने से कोरोना की कड़ी टूट जाती है। कोरोना से मरीज स्वस्थ हो जाता है। चिरायु अस्पताल में मरीजों के खाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एक बार की थाली करीब 500 रुपए की पड़ती है। चिरायु अस्पताल से मरीजों के स्वस्थ होने की बड़ी वजह यही है।

डर के चलते बढ़ जाती है ऑक्सीजन की जरूरत

डॉ. गोयनका ने बताया कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। इसके बाद भी कई मरीज डर कर अपना बीपी बढ़ा लेते हैं। मानसिक तौर पर परेशान हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ जाती है। मरीज के दिल की धड़कन बढ़ जाती है। उसके शरीर से कई खतरनाक हार्मोन निकलने लगते हैं। विश्वास यह होना चाहिए कि कोरोना से जीतेंगे। डर नहीं रहेगा तो ऑक्सीजन का स्तर भी सामान्य रहेगा और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाएगा।