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पुलवामा हमले में आरोपी को मिली जमानत, बीजेपी ने राजनीतिक रोटियां सेक बना ली सरकार : कांग्रेस

नई दिल्ली: दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने पुलवामा हमले में शामिल आरोपी यूसुफ चोपन को जमानत दे दी है। इसके बाद कांग्रेस ने पुलवामा हमले की जांच को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर उसने सिर्फ राजनीतिक लाभ अर्जित किया है लेकिन शहीदों के बलिदान की परवाह नहीं की है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीपसिंह सुरजेवाला ने यूसुफ चोपन को दोषी मानते हुए कहा कि हमले के दोषी को ज़मानत मिल गई है, क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी-एनआईए ने न तो सबूत इकट्ठे किए और न ही आरोपपत्र दायर किया।

उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने पुलवामा हमले पर राजनीतिक रोटियां सेकी हैं और इस बल पर सरकार भी बना ली, अब देश व शहीदों के बलिदान की मोदी सरकार को कहां परवाह। उन्होंने सरकार पर शहीदों के प्रति असंवेदनशील होने आरोप लगाया और कहा कि यह ये देश द्रोह नही तो क्या है। श्री सुरजेवाला ने देश तथा शहीद परिवारों की तरफ से सरकार से इस मुद्दे पर सवाल किए और कहा कि क्या इसकी सीधी जिम्मेवारी गृह मंत्री की नही। उन्होंने यह भी पूछा किया क्या इसके बाद भी श्री अमित शाह को पद से बर्खास्त नही करना चाहिए तथा क्या एनआईए प्रमुख के खिलाफ कारर्वाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या मोदी जी मौन रहेंगे या शहीदों के परिवारों को इस मुद्दे पर जबाब देंगे।

अदालत ने एनआईए को लगाई कड़ी फटकार
गौरतलब है कि पुलवामा हमले के मामले में एनआईए की लापरवाही के कारण आतंकी हमले की साजिश के आरोपी को जमानत मिली है। इस मामले में विशेष अदालत ने एनआईए को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि तय समय मे जांच पूरी नहीं करने और आरोप पत्र दायर नहीं करने के कारण आरोपी को जमानत का हकदार बना। जांच एजेंसी को नियम के अनुसार 180 दिन में जांच पूरी कर आरोप पत्र दाखिल करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसके कारण आरोपी यूसुफ चोपान को 50 हजार के मुचलके पर जमानत मिली है।

NIA की सफाई
एनआईए ने अपनी सफाई में कहा हैकि युसूफ चोपान को पुलवामा आतंकवादी हमले मामले में कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था। चोपान से हैंड ग्रेनेड बरामद किया गया था जो जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के खिलाफ उसी का इस्तेमाल करने के इरादे से खरीदा गया था। उसे छह अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया था जिसमें आठ आरोपियों (दो मारे गये) के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किये गये। युसूफ चोपन के विरुद्ध अपर्याप्त सबूत के कारण आरोप-पत्र नहीं दाखिल किया गया। विशेष एनआई कोर्ट ने 18 फरवरी को एक आदेश में कहा था कि आरोपी युसूफ को कानूनी जमानत देने के लिये बाध्य हैं क्योंकि जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस समय तक उनके खिलाफ कोई भी चार्जशीट दाखिल नहीं कर पायी थी।