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दिल्ली में मानव तस्‍करों से बचाई गई झारखंड की 10 लड़कियां, राजधानी एक्स. से रांची लाई गईं

इनमें एक को छोड़ सभी लड़कियां नाबालिग हैं। लड़कियों के दिल्ली से छुड़ाने के बाद पुलिस रविवार को उन्हें लेकर रांची पहुंची।

रांची। झारखंड की 10 लड़कियों को देश की राजधानी दिल्ली में मानव तस्‍करों से बचाया गया है। रविवार को सभी लड़कियों को राजधानी एक्सप्रेस से रांची लाया गया। रांची से सभी को खूंटी रवाना कर दिया गया है, जहां इन्‍हें खूंटी जिला प्रशासन को सुपुर्द किया गया। मानव तस्कर और दलाल भोली-भाली लड़कियों को महानगरों में काम देने का बहाना बनाकर ले जाते हैं। झारखंड की बाल कल्याण समिति, एक एनजीओ और खूंटी पुलिस के प्रयास से इन लड़कियों को दिल्ली में रेस्क्यू किया गया। अब इन लड़कियों के पुनर्वास के लिए प्रयास किया जा रहा है। लड़कियां काफी डरी हुई हैं। वे कुछ भी नहीं बोल पा रही हैं।

इनमें एक को छोड़ सभी लड़कियां नाबालिग हैं। लड़कियों के दिल्ली से छुड़ाने के बाद पुलिस रविवार को उन्हें लेकर रांची पहुंची। बाद में सभी को यहां से उन्हें खूंटी ले जाया गया। खूंटी में सभी लड़कियों की मेडिकल जांच कराने के बाद उन्हें वहीं हुटार के पास आशा किरण शेल्टर होम में रखा गया है। सोमवार को न्यायालय में सभी लड़कियों का बयान दर्ज कराया जाएगा।

दिल्ली के विभिन्न थाना क्षेत्रों से रेस्क्यू कर लाई गई इन लड़कियों में छह खूंटी जिले की हैं। वहीं दो गुमला और दो पश्चिमी सिंहभूम जिले की रहनेवाली हैं। जानकारी के अनुसार लड़कियों को रेस्क्यू करने के लिए खूंटी एसपी ने एसआइटी का गठन किया था। टीम में एएचटीयू थाना खूंटी के सहायक अवर निरीक्षक रमजानुल हक, प्रोबेशनल उपनिरीक्षक रंजीत कुमार यादव, प्रोबेशन महिला उपनिरीक्षक दुलारमनी टुडू, तोरपा थाना की कांस्टेबल उषारानी महतो तथा सीडब्ल्यूसी की ओर से शमीमुद्दीन अंसारी शामिल थे।

पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने रेस्क्यू कर दिल्ली से लड़कियों के लाए जाने की पुष्टि तो की लेकिन उनके बारे में ज्यादा कुछ बताने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि अभी पूछताछ की जा रही है। सोमवार को कोर्ट में लड़कियों का बयान दर्ज कराने के बाद ही हम कुछ बताने की स्थिति में होंगे।

बता दें कि झारखंड के सुदूरवर्ती इलाकों की बच्चियों को दलाल अपने चंगुल में फंसाकर बड़े शहरों में ले जाते हैं। इसके बाद इन बच्चियों को यौन शोषण, देह व्यापार, घरेलू काम के दौरान मानसिक और शारीरिक प्रताडऩा जैसी पीड़ा से जूझना पड़ता है। यह ऐसा पहला मामला नहीं है जब बाल कल्याण समिति ने इन बच्चियों को दलालों के चंगुल से बचाया है। पहले भी ऐसी रेस्क्यू ऑपरेशन किए गए हैं। बावजूद इसके मानव तस्कर इन लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने चंगुल में फंसा लेते हैं और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में ले जाते हैं।