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दक्षिण 24 परगना में तृणमूल के लिए इस बार आसान नहीं है राह, भाजपा से कड़ी टक्कर

कोलकाता। छले एक दशक से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में यहां सियासी हालात तेजी से बदले हैं। जिले से कई विधायकों समेत बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता तृणमूल से नाता तोड़ कर भगवा झंडा थाम चुके हैं। ऐसे में इस बार यहां तृणमूल के लिए राह आसान नहीं दिख रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की 31 में से 29 सीटों पर तृणमूल ने जीत दर्ज की थी। भाजपा का खाता भी नहीं खुला था। लेकिन इस बार यहां तृणमूल को भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही है। जिले की 31 में से 16 सीटों पर तीसरे चरण में छह अप्रैल को मतदान होना है। इन 16 में से 15 पर 2016 में तृणमूल ने जीत दर्ज की थी और एक पर माकपा। लेकिन, इस बार तृणमूल के सामने इन सीटों को बचाना बड़ी चुनौती है। पेश है आठ सीटों का लेखा-जोखा :

बासंती (सुरक्षित) : तृणमूल ने इस बार प्रत्याशी बदलते हुए श्यामल मंडल को उतारा है। भाजपा ने रमेश माजी जबकि वाममोर्चा-कांग्रेस-इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) के संयुक्त मोर्चा की ओर से आरएसपी के सुभाष नस्कर को उम्मीदवार बनाया है। नस्कर पिछली बार दूसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन, पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था। तृणमूल को यहां भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही है।

कुलतली (सुरक्षित) : पिछले एक दशक से यहां माकपा का राज है। रामशंकर हल्दर यहां से दो बार के विधायक हैं और हैट्रिक के इरादे के साथ मैदान में हैं। उनकी इस बार तृणमूल के गणेश चंद्र मंडल और भाजपा के मिंटू हल्दर से टक्कर है। माकपा विधायक को अपनी स्वच्छ छवि और लोगों से जुड़ाव को लेकर इस बार भी जीत का भरोसा है।

कुलपी : तृणमूल ने यहां एक बार फिर से निवर्तमान विधायक जोगारंजन हल्दर पर भरोसा जताया है। वहीं, भाजपा से प्रणब मल्लिक जबकि आइएसएफ से सिराजुद्दीन गाजी मैदान में हैं। आइएसएफ की इंट्री से इस सीट पर तृणमूल को मुस्लिम वोट बंटने का डर सता रहा है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा का पलरा भारी दिख रहा है।

रायदीघी : तृणमूल ने यहां प्रत्याशी बदलते हुए निवर्तमान विधायक व अभिनेत्री देवश्री राय की जगह आलोक जलदाता को उतारा है। वहीं, भाजपा से शांतनु बापुली जबकि माकपा से पूर्व मंत्री कांति गांगुली मैदान में हैं। कांति गांगुली 2016 में यहां महज 1000 वोट से हार गए थे। यहां भी त्रिकोणीय मुकाबला है। तृणमूल को यहां आपसी गुटबाजी का नुकसान हो सकता है जबकि शांतनु बापुली व कांति गांगुली की यहां अच्छी छवि है। इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला है।

मंदिरबाजार (सुरक्षित) : तृणमूल ने यहां फिर से निवर्तमान विधायक जयदेव हल्दर पर भरोसा जताया है। वहीं भाजपा से दिलीप जटुआ जबकि आइएसएफ से संजय सरकार मैदान में हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां बेहतर प्रदर्शन किया था, इस चुनाव में भी लाभ मिल सकता है। दूसरा भाजपा प्रत्याशी की इलाके में अच्छी छवि है।

जयनगर (सुरक्षित) : तृणमूल ने निवर्तमान विधायक विश्र्वनाथ दास को फिर टिकट दिया है। वहीं, भाजपा से रबीन सरदार जबकि माकपा से अपूर्व प्रमाणिक मैदान में हैं। यहां तृणमूल व भाजपा के बीच मुकाबला है। भाजपा प्रत्याशी की इलाके में अच्छी छवि है, ऐसे में भगवा लहर के भरोसे वह पार पाने में लगे हैं।

बारुईपुर पूर्व (सुरक्षित) : तृणमूल ने यहां प्रत्याशी बदलते हुए इस बार विभाष सरदार को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा से चंदन मंडल जबकि माकपा से स्वप्न नस्कर लड़ रहे हैं। यहां तृणमूल व भाजपा में कड़ा मुकाबला है। प्रत्याशी बदलने से यहां तृणमूल के अंदर नाराजगी है, जिसका लाभ युवा चंदन मंडल को मिलने की उम्मीद है।

बारुईपुर पश्चिम : तृणमूल ने यहां एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी पर भरोसा जताया है, जिनका मुकाबला भाजपा के देवापम चट्टोपाध्याय और माकपा ने लहक अली से है। इलाके में अच्छी छवि रखने वाले वरिष्ठ नेता बनर्जी को इस बार भी दीदी यानी ममता बनर्जी के भरोसे जीत की पूरी उम्मीद है।