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हांगकांग और शिनजियांग के मुद्दे चीन-अमेरिका वार्ता में बनेंगे मुश्किल, जल्द ही दोनों देशों के बीच होनी है बातचीत

वाशिंगटन। हांगकांग में चुनाव व्यवस्था में परिवर्तन और शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार के मामले चीन और अमेरिका के बीच अलास्का में होने वाली बैठक में दिक्कत खड़ी करेंगे। इन दोनों ही मामलों पर एक बार फिर अमेरिका ने चीन की आलोचना की है। यह भी कहा है कि इससे राजनयिक वार्ता में मुश्किल हो सकती है। इन मसलों को जोरदारी से उठाने के लिए अमेरिका ने अपनी प्रतिबद्धता जता दी है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अलास्का में 18 व 19 मार्च को चीन के साथ विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवान इन मुद्दों को उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। इसके साथ ही हमारे लिए हांगकांग में लोकतंत्र और ताइवान का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है। उइगर मुस्लिमों का नरसंहार का मामला तो बहुत ही गंभीर है।

शिनजियांग, ताइवान और हांगकांग के मामले में अमेरिका के बयान पर चीन ने पहले ही इसको आंतरिक मामले में दखल देना बताया है। चीन इन मुद्दों को दरकिनार कर मतभेदों को दूर करने पर जोर देना चाहता है।

चीन से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी होगी वार्ता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने हांगकांग में चुनाव व्यवस्था में परिवर्तन के मसले पर कहा कि यह सीधे तौर पर यहां की लोकतांत्रिक व्यवस्था और स्वतंत्रता पर हमला है। नेड प्राइस ने कहा है कि चीन से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी वार्ता होगी।

उन्होंने कहा कि हम केवल बातचीत नहीं कर रहे हैं। बीजिंग को सभी मुद्दों पर गंभीरता दिखानी होगी। जिससे दोनों देशों के संबंध सामान्य हो सकें।

ज्ञात हो कि अमेरिका का जो बाइडन प्रशासन चीन से संबंधों को लेकर नए सिरे से समीक्षा कर रहा है। इसी बीच वार्ता में सबसे बड़ी बाधा उइगर मुस्लिमों के नरसंहार, हांगकांग और ताइवान के मुद्दे हैं। इन तीनों ही मुददें पर वार्ता से कुछ दिन पहले तक चीन का अडि़यल रवैया बना हुआ है।