Logo
ब्रेकिंग
रामगढ़ पुलिस ने तीन तस्कर को किया गिरफ्तार, बिहार जारही लाखों कि शराब व दो वाहन जप्त भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ने लोकसभा एवं विधानसभा में भाग लेने वाले वालेंटियर से जाने मतदान के अनुभव भाजपा नेता अनिल टाइगर ह*त्या के विरोध में विधानसभा के बाहर बीजेपी का विरोध प्रदर्शन भाजपा नेता अनिल टाइगर की ह*त्या के विरोध में रांची हुआ बंद, भाजपा नेता प्रतुल शहदेव गिरफ्तार झारखंड का ऐसा मंदिर, जहां महिलाओं के प्रवेश पर हैं रोक भगवान पर चढ़ती है शराब,100 वर्षों से हो रही प... राधा गोविंद यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह में 1152 स्टूडेंट्स को मिला शैक्षणिक प्रमाण पत्र राधा गोविंद विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह 9 मार्च को ,1150 विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी... अवैध नकली शराब फैक्ट्री हुआ भंडाफोड़, करीब 30 लाख रुपए का अवैध शराब जप्त झारखंड 10वीं बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक के विरोध में प्रदर्शन, आजसू ने फुका मुख्यमंत्री का पुतला माँ को कैद कर कुंभ गए बेटे की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने किया तलब, विधायक ने कि कार्रवाई की मांग

आज है पोंगल का आखिरी दिन कन्नुम, जानें इसका अर्थ और इतिहास

Kaanum Pongal 2021: पोंगल तमिलनाडु में चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है। यह तमिल कैलेंडर के थाई महीने में आता है। पोंगल को फसल के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन किसान अच्छी फसल होने का धन्यवाद करते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया कि पोंगल चार दिनों का त्यौहार है इसलिए इसके हर दिन का एक अलग नाम है। आज पोंगल का आखिरी दिन है जिसका अर्थ कन्नुम है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर कन्नुम का अर्थ क्या होता है और क्या है इसके पीछे का इतिहास।

कन्नुम का अर्थ:

कन्नुम पोंगल को पोंगल उत्सव के चौथे और अंतिम दिन के रूप में मनाया जाता है। कन्नुम शब्द का अर्थ है यात्रा करना। ऐसे में इश दिन लोग अपने दोस्तों या परिवार से मिलने जाते हैं। इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा होता है।

कन्नुम पोंगल का इतिहास:

कन्नुम पोंगल को तिरुवल्लुवर दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह तिरुवल्लुवर नामक ऐतिहासिक तमिल लेख, कवि और दार्शनिक की याद के रूप में मनाया जाता है। तिरुवल्लुवर अपनी पुस्तक थिरुकुरल के लिए प्रसिद्ध था। ऐसा कहा जाता है कि कन्नुम पोंगल और कन्नी पोंगल दोनों एक ही दिन आते हैं लेकिन दोनों को मनाने का तरीका अलग होता है। जहां कन्नुम के दिन परिवार से मिलने जाते हैं वहीं कन्नी पोंगल को उर्वरता के लिए मनाया जाता है।

तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में किसान 7 कुंवारी देवी की पूजा करते हैं। इन्हें सप्त कनिमार भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि किसानों की कृषि भूमि को आशीर्वाद प्राप्त हो। इस प्रकार अविवाहित लड़कियों को इस दिन सप्त कनिमार के रूप में सम्मानित किया जाता है। उन्हें कपड़े और आभूषण भी दिए जाते हैं। आज के दिन कुछ युवक युवतियां अपने भविष्य में पवित्र विवाह करने की प्रार्थना भी करते हैं।