Logo
ब्रेकिंग
झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय दुलमी का मंत्री रामदास सोरेन ने किया उद्धघाटन। हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल की संसदीय सत्रों में पहली ही बार में बेमिसाल उपलब्धि गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा रामगढ़ के लगातार दूसरी बार प्रधान बने परमिंदर सिंह कालरा एलपी ट्रक ने स्कूली बच्चों से भरी ऑटो को मारी टक्कर । चार की मौत , आधा दर्जन बच्चों की हालत नाजुक ... पुलिस एसोसिएशन रामगढ़ शाखा का चुनाव संपन्न, मंटू अध्यक्ष और अनंत बने सचिव प्रेस क्लब रामगढ़ के भवन में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत पिछड़े वर्ग की जातियों के अध्ययन को लेकर उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में ... अकादमी संगीत की शिक्षा और कला को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है सुधीर मंगलेश ब्रेन हेमरेज से पीड़ित पिता के इलाज लिए आर्थिक सहायता देने कि मांग Monginis Cake Shop अब आपके शहर रामगढ़ में, Anshu plaza, नईसराय

अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन में बोले PM मोदी- देश में कानून सबसे ऊपर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि देश को न्यायपालिका पर अटूट विश्वाश है। पीएम अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 को संबोधित कर रहे हैंं। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में कानून सबसे उपर है। तमाम चुनौतियों के बीच, कई  बार देश के लिए संविधान के तीनों Pillars ने उचित रास्ता ढूंढा है और हमें गर्व है कि भारत में इस तरह की एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई है। बीते पाँच वर्षों में भारत की अलग-अलग संस्थाओं ने, इस परंपरा को और सशक्त किया है।

न्यायपालिका पर लोगों को आस्था

  • हाल में कुछ ऐसे बड़े फैसले आए हैं, जिनको लेकर पूरी दुनिया में चर्चा थी।
  • फैसले से पहले अनेक तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। लेकिन हुआ क्या?
  • 130 करोड़ भारतवासियों ने न्यायपालिका द्वारा दिए गए इन फैसलों को पूरी सहमति के साथ स्वीकार किया।
  • दुनिया के करोड़ों नागरिकों को न्याय और गरिमा सुनिश्चित करने वाले आप सभी दिग्गजों के बीच आना, अपने आप में बहुत सुखद अनुभव है।
  • न्याय की जिस chair पर आप सभी बैठते हैं, वो सामाजिक जीवन में भरोसे और विश्वास का महत्वपूर्ण स्थान है।  

बापू का जीवन सत्य को समर्पित था

  • पूज्य बापू का जीवन सत्य और सेवा को समर्पित था, जो किसी भी न्यायतंत्र की नींव माने जाते हैं। औऱ हमारे बापू खुद भी तो वकील थे, बैरिस्टर थे।
  • अपने जीवन का जो पहला मुकदमा उन्होंने लड़ा, उसके बारे में गांधी जी ने बहुत विस्तार से अपनी आत्मकथा में लिखा है।
  • मुझे खुशी है कि इस कॉन्फ्रेंस में ‘Gender Just World’ के विषय को भी रखा गया है।
  • दुनिया का कोई भी देश, कोई भी समाज Gender Justice के बिना पूर्ण विकास नहीं कर सकता और ना ही न्यायप्रियता का दावा कर सकता है