Logo
ब्रेकिंग
रांची एक्सप्रेस के ब्यूरो चीफ अनिल विश्वकर्मा के पिता महेश विश्वकर्मा का निधन आखिर क्यों एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाने जाते हैं रामगढ़ के नए थाना प्रभारी प्रमोद सिंह? रामगढ़ पुलिस ने तीन तस्कर को किया गिरफ्तार, बिहार जारही लाखों कि शराब व दो वाहन जप्त भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ने लोकसभा एवं विधानसभा में भाग लेने वाले वालेंटियर से जाने मतदान के अनुभव भाजपा नेता अनिल टाइगर ह*त्या के विरोध में विधानसभा के बाहर बीजेपी का विरोध प्रदर्शन भाजपा नेता अनिल टाइगर की ह*त्या के विरोध में रांची हुआ बंद, भाजपा नेता प्रतुल शहदेव गिरफ्तार झारखंड का ऐसा मंदिर, जहां महिलाओं के प्रवेश पर हैं रोक भगवान पर चढ़ती है शराब,100 वर्षों से हो रही प... राधा गोविंद यूनिवर्सिटी के प्रथम दीक्षांत समारोह में 1152 स्टूडेंट्स को मिला शैक्षणिक प्रमाण पत्र राधा गोविंद विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह 9 मार्च को ,1150 विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी... अवैध नकली शराब फैक्ट्री हुआ भंडाफोड़, करीब 30 लाख रुपए का अवैध शराब जप्त

दिल्ली दंगों के आरोपितों को तिहाड़ जेल में मारने की बड़ी साजिश, स्पेशल सेल ने किया पर्दाफाश

नई दिल्ली। फरवरी, 2020 में उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद कई ट्रायल कैदियों की जान को खतरा होने की बात सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने जेल में बंद दिल्ली दंगों के आरोपितों को जेल में मारने की बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। पता चला है कि तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली दंगों के हिंदू आरोपितों को तिहाड़ जेल में मर्करी (पारा) देकर उनकी हत्या करने की साजिश रची जा रही है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, जेल में शाहिद और जेल के बाहर से असलम ने हत्या की साजिश रची थी। इसी के तहत जेल में बंद शाहिद के पास असलम ने पारा पहुंचाया था। इसका खुलासे होते ही दिल्ली पुलिस के साथ जेल प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है।

गौरतलब है कि उत्तरी पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में दंगों के दौरान मौजपुर पुलिया और शिव विहार पुलिया के पास हत्या में आरोपित लोगों को मारने की साजिश रची गई थी। उधर, साजिश की भनक लगने पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने टेक्निकल सर्विलांस रखना शुरू किया और फिर साजिश को नाकाम किया है

तिहाड़ जेल से मर्करी जब्त, 2 आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने आरोपितों को पकड़ने के लिए पूरी तैयारी की। इसके लिए टेक्निकल सर्विलांस रखना शुरू किया। इसके बाद जब पूरे सबूत हाथ लगे तो स्पेशल सेल ने पूरे मामला का खुलासा किया है।

बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली की स्थानीय कोर्ट ने उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगे के दो आरोपितों को हत्या का प्रयास करने के अपराध से मुक्त करते हुए रूसी कृति ‘अपराध और दण्ड’ को उद्धृत करते हुए टिप्पणी की थी। इसमें कहा गया है -‘सौ खरगोश मिलाकर आप घोड़ा नहीं बना सकते और सौ संदेह साक्ष्य नहीं बन सकते।’ आरोपितों को जमानत देने के साथ ही कोर्ट ने सवाल किया था कि कैसे उनके खिलाफ हत्या का प्रयास का आरोप लगाया जा सकता है जब पीड़ित पुलिस जांच से अनुपस्थित है और कभी पुलिस के पास नहीं आया। कोर्ट ने कहा था कि पीड़ित ने गोली चलाने के बारे में अथवा भीड़ या दंगाइयों के बारे में कोई बयान नहीं दर्ज कराया था।