बिहार में अब होंगे विधान परिषद के स्थगित चुनाव, NDA को पांच तो महागठबंधन को चार सीटों की उम्मीद
पटना। बिहार में कोरोना (CoronaVirus) के कारण स्थगित विधान परिषद के चुनाव होने की उम्मीद बढ़ गई है। राज्य में कोरोना के चलते विधायक कोटे की नौ सीटों पर चुनाव रोक दिया गया था। बिहार और महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव स्थगन की सूचना एक मई को जारी की गई थी। महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक में भी विधायकों के वोट से भरी जाने वाली विधान परिषद की सीटों के लिए चुनाव कराने के आदेश के बाद अब बिहार में नौ सीटों पर मतदान की संभावना है। माना जा रहा है कि चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को पांच तो महागठबंधन (Mahagathbandhan) को चार सीटें मिल सकती हैं।
बिहार सरकार आग्रह करे तो मिल सकती चुनाव की इजाजत
मंगलवार को कर्नाटक विधान परिषद की सात सीटों पर चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी हुई। इन सदस्यों का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है। बिहार में नौ सदस्यों का कार्यकाल मई में समाप्त हुआ, लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन और शारीरिक दूरी के प्रोटोकॉल के नाम पर राज्य का चुनाव स्थगित कर दिया गया। महाराष्ट्र सरकार के आग्रह पर आयोग ने वहां चुनाव की इजाजत दे दी। कर्नाटक में परिषद् की सात सीटों पर चुनाव कराने का आग्रह वहां की सरकार ने किया था। सूत्रों ने बताया कि बदली हुई स्थिति में अगर राज्य सरकार आग्रह करे तो बिहार में भी इस चुनाव की इजाजत मिल सकती है।
चुनाव हुआ तो एनडीए को मिलेंगी पांच सीटें, महागठबंधन को चार
राज्य विधान परिषद की नौ रिक्त सीटों पर चुनाव हुए तो एनडीए के खाते में पांच सीटें आएंगी। जबकि, तीन राष्ट्रीय जनता दल और एक कांग्रेस के हिस्से में जाएगी। विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद और भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी भी इसी कोटे से विधान परिषद के सदस्य रहे हैं।
शिक्षक-स्नातक क्षेत्र के चुनाव पर संशय
राज्य में शिक्षक-स्नातक क्षेत्र के चुनाव पर अब भी संशय है। इसे भी कोरोना संकट के चलते स्थगित किया गया था। बिहार के साथ उत्तर प्रदेश में भी इस क्षेत्र का चुनाव स्थगित हुआ। सोमवार को निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधान परिषद की शिक्षक-स्नातक क्षेत्र से भरी जाने वाली सीटों का चुनाव भी स्थगित कर दिया। यानी बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में ये चुनाव स्थगित हो गए हैं। राज्य में इस क्षेत्र की आठ सीटों के चुनाव लंबित हैं। इन आठ सदस्यों का कार्यकाल भी मई में ही समाप्त हुआ।