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हथिनी की मौत की सीबीआइ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका, घटना को नियोजित बताया

नई दिल्ली। केरल में पटाखों से भरा अनानास खाने के कारण मौत का शिकार हुई गर्भवती हथिनी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में इस घटना की जांच सीबीआइ या विशेष जांच दल (एसआइटी) से कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया यह घटना हाथियों को मारने के लिए सोची-समझी योजना का हिस्सा लगती है। प्रशासन जानवरों की ऐसी हत्या को रोकने में विफल रहा है।

 मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दिल्ली के अधिवक्ता अवध बिहारी कौशिक ने याचिका में कहा कि अप्रैल में भी इसी तरह की एक घटना की जानकारी सामने आई है। इस घटना में कोल्लम जिले में एक हाथी की मौत ऐसा ही पटाखों से भरा फल खाने के कारण हो गई थी। याचिका में केरल व अन्य राज्यों में इस तरह की सभी घटनाओं को संज्ञान में लेने की अपील की गई है। साथ ही मांग की गई है कि इस तरह की सभी घटनाओं की जांच शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआइ द्वारा कराई जाए।

याच‍िका में जांच के लिए किसी पूर्व जज की निगरानी में एसआइटी के गठन की मांग भी की गई है। मालूम हो कि पटाखों से भरा अनानास खाने के कारण हथिनी का जबड़ा क्षतिग्रस्त हो गया था। खाने-पीने में असमर्थ हथिनी ने 27 मई को वेल्लियार नदी में प्राण गंवा दिए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला था कि हथिनी गर्भवती थी।

इधर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी हथिनी की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच के लिए कमेटी गठित की है। इस कमेटी को मामले में रिपोर्ट देने को कहा गया है। एनजीटी ने कहा कि वनों में जीवों की सुरक्षा के लिए जरूरी नियमों का पालन नहीं होने के कारण वन्य जीवों का मनुष्यों से टकराव हो रहा है। संभवत: इस तरह की घटनाएं इसी कारण से हो रही हैं। जस्टिस के रामाकृष्णन और जस्टिस साइबल दासगुप्ता की पीठ ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केरल सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी करते हुए 10 जुलाई तक जवाब मांगा है।