Logo
ब्रेकिंग
Nda प्रत्याशी सुनीता चौधरी के साथ दुलमी में हुई घटना पर रजरप्पा थाना में मामला दर्ज! रामगढ़ विधानसभा में 72.22 प्रतिशत मतलब 258393 मतदाताओं ने किया मतदान। रामगढ़ करेगा वोट, 20 नवंबर के नारे से गूंज उठा शहर।l रामगढ़ विधानसभा के निर्देलीय प्रत्याशी पंकज ने जनसंपर्क कर मांगा वोट श्री गुरु नानक देव जी की 556वें जयंती पर रामगढ़ में निकाला भव्य शोभायात्रा जिला प्रशासन रामगढ़ का प्रयास हुआ सफल, बड़कागांव विधानसभा में 68.8 फ़ीसदी हुआ मतदान श्री गुरु नानक पब्लिक स्कूल के बच्चों ने रंगोली बनाकर दिया मतदान का संदेश PCR अध्यक्ष वीरू कुमार ने बीमार पत्रकार चंद्रदीप बक्शी का जाना कुशलक्षेम, किया आर्थिक सहयोग श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव को लेकर दूसरे दिन निकाली गई प्रभात फेरी। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव को लेकर पहले दिन नकाली गई प्रभात फेरी।

बाराबंकी में अखिलेश यादव ने क‍िया बेनी प्रसाद वर्मा की प्रतिमा का अनावरण, कहा- बात के पक्‍के थे बाबूजी

बाराबंकी। पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सभा को संबोध‍ित करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा क‍ि बाबू बेनी प्रसाद ने हमेशा नेता जी का साथ द‍िया। वह हमेशा उनके साथ खड़े रहे। दुख-दर्द क‍िसी भी परेशानी में उन्‍होंने साथ नहीं छोड़ा। बाबू जी हमेशा समाजवादी सोच के साथ रहे। बाबू जी जो एक बार कहते थे वही करते थे। वह अपनी बात से कभी पलटते नहीं थे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दोपहर करीब एक बजे बाराबंकी पहुंचे थे। उन्‍होंने प्रेरणा स्थल पर बेनी प्रसाद वर्मा की प्रत‍िमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद श्रद्धांजलि सभा को संबोधित क‍िया। सपा अध्‍यक्ष अख‍िलेश यादव पूर्व मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा व ऋषि वर्मा के साथ मंच पर पहुंचे और  प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान बेनी प्रसाद वर्मा की पुत्रवधु सुधा वर्मा भी मौजूद रहीं।

गौरतलब है क‍ि पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने अपनी कार्यशैली को लेकर सदैव चर्चा में रहे। वह ताउम्र विकास की पटकथा लिखते रहे। इसी कार्यशैली के चलते उन्होंने जिले के विकास पुरुष की ख्याति अर्जित की। दरियाबाद से वर्ष 1974 में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले बेनी बाबू ने गांव से दिल्ली तक की राजनीति में दखल रखा। उन्होंने गांव को ब्लाक व तहसील का दर्जा दिलवाने के साथ ही जिले में सड़कों का जाल बिछाया, बेरोजगारों को रोजगार दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई।

कैसरगंज से चार बार रहे सांसद : उन्होंने वर्ष 1970 में बुढ़वल चीनी मिल के केन यूनियन के चेयरमैन से अपने सियासी सफर की शुरुआत की। वर्ष 1974 में दरियाबाद से पहली बार विधायक चुने जाने के बाद वर्ष 1977, 1980 और 1985 में मसौली से विधायक चुने गए। वह कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी यहां से सांसद रहे। केंद्र सरकार में संचार मंत्री और केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे।

दोस्ती के लिए ठुकराई थी सीएम की कुर्सी : बेनी बाबू ने दोस्ती के लिए सीएम की कुर्सी ठुकरा दी थी। पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष अखिलेश वर्मा बताते हैं कि रालोद के अजीत सि‍ंह, मुलायम सि‍ंह को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं थे। बेनी बाबू का नाम सीएम पद के लिए आगे किया गया। बैठक भी हो गई। लेकिन जब बाबू जी को यह पता चला तो उन्होंने मुलायम सि‍ंह की दोस्ती के कारण सीएम पद को ठुकरा दिया।

यह रही बड़ी उपलब्धियां : उन्होंने अपने पैतृक गांव सिरौलीगौसपुर को न सिर्फ ब्लाक और तहसील का दर्जा दिलवाया, बल्कि जिले में विकास कार्यों की झड़ी लगा दी। जिले में सड़कों का जाल बिछाने, टेलीफोन की लाइन बिछाने और पुलों का निर्माण कराने के लिए उनको याद किया जाता है।  शिक्षक शिव नारायण वर्मा बताते हैं कि सिरौलीगौसपुर तहसील, राजकीय इंटर कालेज, 100 शैय्या बेड, महमूदाबाद अस्पताल समेत एक दर्जन पीएचसी का निर्माण कराया।