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लॉकडाउन के दौरान खूब बिका Parle-G बिस्कुट, करीब 40 साल में पहली बार बिक्री में आई ऐसी ग्रोथ

नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते भले ही अधिकांश कारोबारों को नुकसान हुआ हो, लेकिन पारले-जी बिस्कुट ने इस दौरान बिक्री के अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई महीने में पारले-जी बिस्कुट की भारी मात्रा में खपत हुई है। करीब 30-40 साल में इस बिस्कुट ने पहली बार ऐसी ग्रोथ की है। पारले-जी बिस्कुट बनाने वाली कंपनी पारले प्रोडक्ट्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

लॉकडाउन के दौरान लोगों ने पारले-जी बिस्कुट का खूब स्टॉक भी किया। पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों के लिए तो पारले-जी बिस्कुट अपनी भूख मिटाने का सबसे बड़ा स्रोत बना। किसी ने खुद खरीद कर खाया, तो बहुतों ने दान में पाया। यही कारण रहा कि  कंपनी का अपने पारले-जी बिस्कुट की मदद से काफी ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक बिस्कुट सेग्मेंट में पांच फीसद मार्केट शेयर बढ़ा है।

पारले प्रोडक्ट्स के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह ने बताया कि ग्लूकोज का अच्छा स्रोत होने व कीमत में सस्ता होने के कारण लोगों के बीच फूड रिलीफ पैकेट बांट रही सरकारी एजेंसियों और एनजीओ ने पारले-जी बिस्कुट को प्राथमिकता दी, जिसका फायदा बिक्री में उछाल के रूप में मिला है। उन्होंने कहा कि बिक्री में ग्रोथ अभूतपूर्व रही है और इस कारण पारले अपना मार्केट शेयर करीब 5 फीसद बढ़ाने में कामयाब रहा है।

शाह ने कहा, ‘लॉकडाउन का समय सबसे अधिक ग्रोथ वाले समय में से एक रहा है। कम से कम पिछले 30-40 सालों में तो इस तरह की ग्रोथ नहीं देखी गई है।’ उन्होंने कहा कि उनके 20 सालों के बिस्कुट कंपनी में कार्यकाल के दौरान उन्होंने कभी इस तरह की ग्रोथ नहीं देखी।

शाह ने कहा कि पारले-जी कई भारतियों के लिए सिर्फ बिस्कुट नहीं, बल्कि एक कंफर्ट फूड है। अनिश्चितता के समय में इस खपत काफी अधिक हुई है। पहले सुनामी और भूकंप के समय में भी पारले-जी बिस्कुट की बिक्री में तेजी आई थी।