नई दिल्ली। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया है कि कि राममंदिर निर्माण के लिए चलाए गए 44 दिन के निधि समर्पण अभियान में कल्पना से भी अधिक का अर्पण हुआ है। हमने इस अभियान से एक हजार करोड़ रुपये तक के अर्पण की उम्मीद की थी, लेकिन अब तक के आंकड़ों में यह तीन हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि इकट्ठा हुई है, जबकि अब भी अभियान से आए राशि की गिनती जारी है। इसमें विदेशी मुद्रा शामिल नहीं है। कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) फंड के साथ ही श्रीलंका व नेपाल जैसे देशों के लोगों से भी समर्पण नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि यह अभियान 15 जनवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक चला था। चंपत राय छतरपुर में विश्व हिंदू परिषद (विहिप), अशोक ¨सघल फाउंडेशन व नमो सद्भावना समिति की ओर से आयोजित विश्व शांति महायज्ञ में शामिल साधु-संतों व श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने मंदिर निर्माण के प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि पांच से छह माह में नींव भरने का काम पूरा हो जाएगा, जबकि तीन साल में इस ‘राष्ट्र मंदिर’ का निर्माण पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर के लिए राजस्थान के भरतपुर से लाल पत्थर मंगाया जा रहा है। हालांकि, उस एरिया को राज्य सरकार ने वन क्षेत्र घोषित कर रखा है। ऐसे में मंदिर ट्रस्ट के आग्रह पर राज्य सरकार ने उस क्षेत्र को वन क्षेत्र से बाहर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीद है कि यह बाधा भी जल्द हट जाएगी।
उन्होंने देश के प्रतिष्ठित मंदिरों का संचालन सरकार की ओर से होने पर चिंता जताते हुए कहा कि मंदिर के संचालन का जिम्मा मंदिर के भक्तों के हाथों में होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ स्थित यज्ञ परिसर का भ्रमण कर संतों से आशीर्वाद लिया। यह यज्ञ शनिवार तक चलेगा। इसे दक्षिण भारत के ब्राह्माणों से विधिविधान से पूरा कराया जा रहा है।