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मराठा आरक्षण पर संविधान पीठ करेगी सुनवाई, महाराष्ट्र सरकार ने की है पुनर्विचार की मांग

नई दिल्ली। मराठा आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज सुनवाई करेगी। जस्टिस अशोक भूषण की अगुआई वाली पांच जजों की बेंच ने पिछली सुनवाई में सभी राज्यों से दलीलें पेश करने को कहा था। महाराष्ट्र में 16 फीसद मराठा आरक्षण के कारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण की तय 50 फीसद की सीमा का उल्लंघन हो रहा है। बांबे हाईकोर्ट मराठा आरक्षण को खारिज कर चुकी है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका भी खारिज हो चुकी है।

बता दें कि 50 फीसद सीमा का ताजा मुद्दा मराठा आरक्षण के मामले में उठा है। मराठा आरक्षण को 50 फीसद सीमा पार करने के आधार पर चुनौती दी गई है। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में मराठों को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा बताते हुए शिक्षा और नौकरी में 12 और 13 फीसद आरक्षण दिया है। यह पहले से दिए गए 50 फीसद आरक्षण से अतिरिक्त है। महाराष्ट्र सरकार ने आरक्षण की 50 फीसद सीमा को 30 साल पुराना फैसला बताते हुए उस पर पुनर्विचार की मांग की है। इसके अलावा मराठा आरक्षण मामले में संविधान के 102वें संशोधन का मुद्दा भी उठाया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने पांच फरवरी को कहा था कि शिक्षा एवं नौकरियों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने से संबंधित महाराष्ट्र के 2018 के कानून को लेकर दाखिल याचिकाओं पर वह आठ मार्च से अदालत के साथ ही ऑनलाइन सुनवाई शुरू करेगा। नौकरियों और दाखिले में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण प्रदान करने के लिए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) कानून, 2018 को लागू किया गया था।