Logo
ब्रेकिंग
रामगढ़ में सड़कों पर खुलेआम पशुओं को छोड़ने वाले मालिकों की अब खैर नहीं! बिजुलिया तालाब का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक सुनीता चौधरी ने किया शिलान्यास, बोटिंग, सिटिंग, झूले और भ... नशे के सौदागरों के विरुद्ध रामगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 2 करोड़ से अधिक का गांजा जप्त, एक गिरफ्तार मॉबली*चिंग के खिलाफ भाकपा-माले ने निकाला विरोध मार्च,किया प्रदर्शन छावनी को किसान सब्जी विक्रेताओं को अस्थाई शिफ्ट करवाना पड़ा भारी,हूआ विरोध व गाली- गलौज सूक्ष्म से मध्यम उद्योगों का विकास हीं देश के विकास का उन्नत मार्ग है बाल गोपाल के नए प्रतिष्ठान का रामगढ़ सुभाषचौक गुरुद्वारा के सामने हुआ शुभारंभ I पोड़ा गेट पर गो*लीबारी में दो गिर*फ्तार, पि*स्टल बरामद Ajsu ने सब्जी विक्रेताओं से ठेकेदार द्वारा मासूल वसूले जाने का किया विरोध l सेनेटरी एवं मोटर आइटम्स के शोरूम दीपक एजेंसी का हूआ शुभारंभ

साइबर इकोनामिक फ्रॉड में UP ATS को बड़ी कामयाबी, फर्जी सिम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वाले 14 शातिर दबोचे

लखनऊ। साइबर इकोनामिक फ्रॉड के बड़े मामले का राजफाश उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने किया है। एटीएस ने फर्जी आइडी से सिम कार्ड प्राप्त कर ऑनलाइन बैंक खाते खोलकर अपराधिक गतिविधियों से प्राप्त धनराशि का आदान-प्रदान करने वाले गिरोह के 14 शातिरों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में कुछ विदेशी नागरिकों के नाम सामने आए हैं, जिनके खिलाफ हम लुकआउट नोटिस जारी किया जा रहा है। एटीएस इन खातों में टेरर फंडिंग और हवाला से जुड़ी रकम को जमा कराए जाने के साथ ही गिरोह के देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने की भी जांच कर रही है।

आपराधिक गतिविधियों के लिए शातिर गिरोह फर्जी आइडी से सिम कार्ड हासिल कर ऑनलाइन खाते खोलकर लेनदेन कर रहा था। यूपी एटीएस ने वितरकों-रिटेलरों से प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड लेकर दिल्ली में बेचने वाले प्रेम सिंह समेत 14 शातिरों को दबोच लिया है। आशंका है कि इन ऑनलाइन खातों का इस्तेमाल टेरर फंडिंग सहित अन्य अपराधों में हो रहा था, क्योंकि गिरोह में विदेशी नागरिक भी शामिल है। जांच एजेंसियां पूछताछ और जांच में जुटी हैं।

साइबर इकोनामिक फ्रॉड के इस मामले में यूपी एटीएस ने शनिवार को मुरादाबाद, अमरोहा, संभल सहित दिल्ली में छापेमारी की थी। रविवार को पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस को अहम सफलता मिली है। 14 शातिरों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग गिरोह बनाकर फर्जी आइडी से सिम कार्ड हासिल करते थे। उस प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड से विभिन्न बैंकों में ऑनलाइन खाते खोलते थे। फिर आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त धनराशि को उन खातों में डालकर कुछ ही समय में कार्डलेस ट्रांजेक्शन कर लेते थे।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि इसमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जिन्हें लुकआउट नोटिस जारी किया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में गलत तरीके से सिम बेचने वाले वितरक-रिटेलर और आपराधिक प्रवृत्ति के अन्य लोग शामिल हैं। इनमें मुरादाबाद निवासी प्रेम सिंह प्री-एक्टिवेटेड सिम दिल्ली में बेचता था। अभी तक की पूछताछ में सामने आया है कि दिल्ली में इस तरह करीब 1500 सिम बेचे गए।

एडीजी ने बताया कि अभी पहले ट्रांजेक्शन के आधार पर मुकदमे में करीब दो लाख रुपये का लेनदेन दर्ज किया गया है। करीब पचास लाख रुपये ट्रांजेक्शन की बात सामने आ रही है। जांच चल रही है, जिसमें स्पष्ट होगा कि कुल लेनदेन कितने का हुआ, यह पैसा कहां से और किस मकसद से लिया-दिया जा रहा था, गिरोह का नेटवर्क कहां तक फैला है, इसमें कहीं बैंक कर्मियों की संलिप्तता तो नहीं।

ये हैं गिरफ्तार अभियुक्त : संभल निवासी मोहम्मद फहीम, सैमुल हसन, हरिओम अरोड़ा, चंद्रकिशोर, तरुण सूर्या, पीयूष वाष्र्णेय, मुरादाबाद निवासी प्रेम सिंह, अमरोहा निवासी अंशुल कुमार सक्सेना और चंदौसी निवासी प्रशांत गुप्ता हैं। इन नौ के अलावा पांच अभियुक्त रविवार को एटीएस की नोएडा शाखा ने दिल्ली से गिरफ्तार किए हैं, जिन्हें लखनऊ लाया जा रहा है। इन सभी को सोमवार को कोर्ट में पेश कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा।

ऐसे तो फंस जाएगा कोई आम नागरिक : गनीमत है कि इस घटना में एटीएस ने शातिरों को पकड़ लिया, लेकिन यह आशंका तो खड़ी हो ही गई कि बिना गलती के इस तरह आम नागरिक भी फंस सकते हैं। एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि ये अभियुक्त किसी भी ग्राहक की आइडी का गलत इस्तेमाल कर उसके नाम से दूसरी सिम ले लेते थे। फिर उसी से ऑनलाइन खाते खोलते थे। ग्राहक को इसकी भनक तक नहीं लगती। पुलिस के मुताबिक, एक व्यक्ति की आइडी पर एक दिन में दो सिम निकाले जा सकते हैं।

टेरर फंडिंग व हवाला से जुड़े हो सकते तार : एटीएस की अब तक की जांच में सामने आया है कि इन खातों में भेजी गई रकम को कई एटीएम से कार्डलेस ट्रांजेक्शन के माध्यम से निकाला गया है। खातों में विदेश से भी रकम भेजी गई है। खातों में रकम कहां-कहां से भेजी गई और उसे निकालकर कहां इस्तेमाल किया गया, एटीएस फिलहाल इसकी गुत्थी सुलझाने में जुटी है। इन खातों में टेरर फंडिंग व हवाला से जुड़ी रकम को जमा कराए जाने के साथ ही गिरोह के देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंका के चलते एटीएस अपनी छानबीन के कदम तेजी से आगे बढ़ा रही है।