Logo
ब्रेकिंग
झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय दुलमी का मंत्री रामदास सोरेन ने किया उद्धघाटन। हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल की संसदीय सत्रों में पहली ही बार में बेमिसाल उपलब्धि गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा रामगढ़ के लगातार दूसरी बार प्रधान बने परमिंदर सिंह कालरा एलपी ट्रक ने स्कूली बच्चों से भरी ऑटो को मारी टक्कर । चार की मौत , आधा दर्जन बच्चों की हालत नाजुक ... पुलिस एसोसिएशन रामगढ़ शाखा का चुनाव संपन्न, मंटू अध्यक्ष और अनंत बने सचिव प्रेस क्लब रामगढ़ के भवन में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत पिछड़े वर्ग की जातियों के अध्ययन को लेकर उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में ... अकादमी संगीत की शिक्षा और कला को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है सुधीर मंगलेश ब्रेन हेमरेज से पीड़ित पिता के इलाज लिए आर्थिक सहायता देने कि मांग Monginis Cake Shop अब आपके शहर रामगढ़ में, Anshu plaza, नईसराय

BJP सांसद का विवादित बयान, कहा- पिज्जा-बर्गर खा रहे ये किसान फर्जी हैं, पैसे लेकर कर रहे आंदोलन

कृषि कानूनों को लेकर कड़ाके की सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर राजधानी दिल्ली में जारी किसान आंदोलन का आज 48वां दिन है।  दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन महिलाओं और बच्चों की मौजूदगी, अश्रु गैस के गोले और पानी की बौछारें, हरेक दिन हो रही एक-दो मौतें और इतने सब के बावजूद सरकार कोई हल नहीं निकाल पाई है। वहीं दूसरी तरफ राजनेता इस आंदोलन को लेकर विवादित बयान देने से नहीं चूक रहे हैं।

अब बीजेपी के सांसद एस मुनीस्वामी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों को प्रदर्शन करने के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये बिचौलिए हैं या फर्जी किसान। ये पिज्जा, बर्गर और केएफसी का खाना खा रहे हैं। वहां उन्होंने जिम बनाया है, अब ये ड्रामा बंद होना चाहिए। आपको बतां दे कि यह पहला मामला नहीं है जब भाजपा नेताओं ने इस आंदोलन पर सवाल उठाए हों।

किसान आन्दोलन पर  उच्चतम न्यायालय का सख्त रूख
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कड़ाके की सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों की स्थिति पर चिंता जताते हुये सोमवार को आशंका व्यक्त की कि कृषि कानूनों के खिलाफ यह आन्दोलन अगर ज्यादा लंबा चला तो यह हिंसक हो सकता है और इसमें जान माल का नुकसान हो सकता है। न्यायालय ने कहा, हम नहीं चाहते कि हमारे हाथों पर किसी का खून लगे।  साथ ही प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने सर्दी और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत वृद्ध किसानों, महिलाओं और बच्चों से अपने घरों को लौटने का आग्रह किया। पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर किसी प्रकार की हिंसा और लोगों की जान जाने की संभावना को लेकर चिंतित है। पीठ ने कहा, हम सभी पर इसकी जिम्मेदारी है। एक छोटी सी घटना भी हिंसा भड़का सकती है। अगर कुछ भी गलत हो गया तो हम सभी इसके लिये जिम्मेदार होंगे। हम नहीं चाहते कि हमारे हाथों पर किसी का खून लगा हो