Logo
ब्रेकिंग
Monginis Cake Shop अब आपके शहर रामगढ़ में, Anshu plaza, नईसराय नवनिर्मित श्रीश्याम मंदिर में बाबा के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की भव्य तैयारी शुरु रामगढ़ जिले के छात्र छात्राओं को जल्द मिलेगा साइकिल, उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय साइकि... 18 दिसंबर को सिदो कान्हू मैदान में होगा जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन। रामगढ़ पुलिस की त्वरित कार्रवाई से व्यापारियों में हुआ सुरक्षा का माहौल उत्पन्न Nda प्रत्याशी सुनीता चौधरी के साथ दुलमी में हुई घटना पर रजरप्पा थाना में मामला दर्ज! रामगढ़ विधानसभा में 72.22 प्रतिशत मतलब 258393 मतदाताओं ने किया मतदान। रामगढ़ करेगा वोट, 20 नवंबर के नारे से गूंज उठा शहर।l रामगढ़ विधानसभा के निर्देलीय प्रत्याशी पंकज ने जनसंपर्क कर मांगा वोट श्री गुरु नानक देव जी की 556वें जयंती पर रामगढ़ में निकाला भव्य शोभायात्रा

ड्रैगन की गहरी चाल, लद्दाख में सामरिक पॉकेट्स को हथियाने में जुटा चीन

वाशिंगटन। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच अमेरिका की एक रिपोर्ट ने दोनों देशों के बीच संबंधों के अनछुए पहलुओं की ओर इंगित किया है। दक्षिण एशिया के शीर्ष अमेरिकी पर्यवेक्षक टेलिस ने दावा किया है कि भारतीय सीमा पर चीन की हरकतें शरारतपूर्ण रही है। टेलिस ने अपने एक पेपर में कहा है कि भारत-चीन सीमा पर बीजिंग ने अपने दायित्‍वों के पालन में लगातार गिरावट की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच लगने वाली सरहद पर भारत ने हमेशा से सीमा पर शांति और वार्ता का सहारा लिया है, लेकिन भारत के इस दृष्टिकोण का चीन के लिए कोई सम्‍मान नहीं है। वह भारत के इस रवैये को सम्‍मान की दृष्टि से नहीं देखता। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि चीन इन विव‍ादित स्‍थलों को अपने सामरिक हितों की पूर्ति के लिए इस्‍तेमाल करता रहा है। चीन का मकसद इन विवादों को निपटाना नहीं है। हालांकि, दोनों देश विवादित क्षेत्रों में उपस्थित का वर्णन करने वालों मानचित्रों का आदान-प्रदान के लिए लंबे समय से प्रतिबद्ध है।

खतरनाक संकेत देता है चीनी गश्त का पैटर्न

टेलिस ने कहा कि 1990 के दशक के उत्तरार्ध से चीनी गश्त का पैटर्न बताता है कि बीजिंग अंततः संपूर्ण अक्साई चिन पठार को नियंत्रित करना चाहता है, जिस पर लद्दाख के कुछ हिस्से स्थित हैं। भले ही यह पठार उर्वन नहीं हो, लेकिन यह इलाका चीन के लिए सामरिक महत्‍व का है। इन इलाकों में अपने आयुध को एकत्र कर सकता है। दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति में वह इन स्‍थलों से भारत पर तेजी से हमला कर सकता है। इसलिए चीन इस इलाके में अपने दावों को कभी नहीं छोड़ेगा।

मानचित्र के अभाव में विकराल हुई समस्‍या 

इस पेपर में दावा किया गया है कि मानचित्र के अभाव में जो स्पष्ट रूप से चित्रित करता है कि प्रत्येक पक्ष सक्रिय रूप से किन क्षेत्रों को नियंत्रित करता है। चीन को भारतीय सीमा पर हस्‍तक्षेप के अवसर मुहैया कराता है। चीन ने 1950 के दशक में इस क्षेत्र पर दावा किया है, लेकिन शीत युद्ध के बाद सीमा पर चीन-भारतीय प्रतिद्वंद्विता बढ़ी है। विवादित भूखंड के टूकड़े को लेकर चीन ने भारतीय सीमा पर अवरोध उत्‍पन्‍न किया है। अब यह उसकी रणनीति का हिस्‍सा है। चीन एक स्‍पष्‍ट मानचित्र को कभी नहीं स्‍वीकार करेगा, क्‍योंकि उसका मकसद भारतीय सीमा पर विवाद को बनाए रखना है।