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रजरप्पा में भव्य गंगा आरती,झारखंड के राज्यपाल भी रहे मौजूद।

गंगा दशहरा में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के राज्यपाल ने किया शिरकत।

रामगढ़ के रजरप्पा स्थित माँ छिन्नमस्तिके मंदिर क्षेत्र के दामोदर नद के तट पर युगान्तर भारती नेचर फाउंडेशन और दामोदर बचाओ आंदोलन के तहत देवनद दामोदर महोत्सव गंगा दशहरा का आयोजन हुआ। इस आयोजन में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के साथ दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने मुख्य रूप से शिरकत किया। इस दौरान मांडू विधायक जेपी पटेल के साथ क्षेत्र के कई समाजसेवी शिक्षाविद एवं मंदिर न्यास समिति के पंडा समाज के अलावा भारी संख्या में आम लोग एवम जिला प्रशासन के तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे।

मौके पर सरजू राय ने लोगों को बताया कि देवनद दामोदर महोत्सव 2024 में अपने 2 दशक पूरा कर लेगा, आम लोगों के सहयोग और विश्वास से दामोदर नद को प्रदूषण मुक्त करना है जिस उद्देश्य की पूर्ति करीब करीब हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि दामोदर नद अब औद्योगिक प्रदूषण के भार से मुक्त होने के करीब है बिना किसी सरकारी सहयोग के केवल जनदबाव और प्राकृति प्रेमबोध के कारण यह सफलता पाई गई है, देवनद दामोदर महोत्सव के कारण दामोदर नदी पर अब आम लोगों की आस्था बढ़ी है। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सरजू राय ने कहा कि मैंने गवर्नर साहब को बताया था कि हमारा दामोदर पुरुषवाचक नद है, आमतौर पर सभी नदियां स्त्रीलिंग होती हैं पर हमारे देश में तीन ऐसे जल स्रोत हैं जिनको हम पुरुषवाचक मानते हैं नद कहते हैं उसमें एक दामोदर है दूसरे सोनभद्र है और तीसरे ब्रह्मपुत्र हैं, हम लोगों ने 2004 में लोकसभा के चुनाव के समय घूमते हुए महसूस किया कि दामोदर में केवल छाई और राख बह रही है सभी के सभी अपनी गंदगी सीधे दामोदर में गिराते थे और इसका असर था कि नदी में कोई जीवन नहीं रह गया था, रामगढ़ में फुसरो में और धनबाद में तीन जगह बड़ा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने के लिए पैसा राज्य सरकार ने दे दिया है अब यह टेंडर करके डीपीआर बनाएंगे। वही उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रदेश के महामहिम राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि मुझे आज मां छिन्नमस्तिका देवी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, मैंने मां छिन्नमस्तिका देवी से राज्य के सभी नागरिकों के लिए आशीर्वाद मांगा, दामोदर नदी केवल इस राज्य की जीवनदायिनी नहीं है इस राज्य के साथ रूरल भागों में सिंचाई एवं पीने का पानी उपलब्ध कराती है, हमें इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट की जरूरत है लेकिन उसके साथ में यह भी सुनिश्चित करना पड़ेगा कि हमारी नदियां प्रदूषित ना हो, जैसा हम सभी को पता है कि दामोदर भगवान विष्णु के सहस्त्र नामों में से एक है और इसीलिए यह नदी हमारे लिए भगवान से कम नहीं है l
वही रजरप्पा मंदिर न्यास समिति के सचिव शुभाशीष पंडा ने झारखंड की लाइफ लाइन दामोदर नदी को बचाए जाने के लिए जो लगातार यह दो दशक से आंदोलन चलाया जा रहा है उसकी सफलता को बयां करते हुए झारखंड राज्य और खासकर के रजरप्पा में दामोदर नदी का क्या महत्व है उसके बारे में बताएं।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने यह भी कहा कि गुजरात में साबरमती नदी को साफ करने वाले अकेले वह व्यक्ति कोई और नहीं हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे उनके सोच के कारण साबरमती नदी स्वच्छ हो पाई, नरेंद्र मोदी जी की तरह ही हमारे माननीय सरजू राय जी उनकी सोच भी और उन्होंने दामोदर नदी को भी स्वच्छ किया है, सरयू राय जी ने दामोदर नदी को स्वच्छ करने को एक चैलेंज के रूप में लिया उनके प्रयास के कारण उनको जो मदद मिली है जिसमें पीयूष गोयल जी उमा भारती जी एवं कोल मिनिस्टर प्रह्लाद जोशी जी इन सभी के प्रयासों से आज दामोदर नदी 99% स्वच्छ हो चुकी है।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने अंत में कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को शुरू किया है जिसका नाम है नमामि गंगे प्रोजेक्ट जिसके तहत पवित्र गंगा नदी को सुरक्षित करने का एक प्रयास किया जा रहा है उसके साथ ही राष्ट्रीय सभी नदियों को भी स्वच्छ करने का प्रयास किया जा रहा है।